कृषि राज्य मंत्री का बड़ा बयान- रद्द नहीं होगा कृषि कानून, बिल में कुछ जोड़ना हो तो बताएं किसान

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 19वां दिन हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले। वहीं, सरकार ने इसे लेकर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह कानून में संशोधन को तैयार है, लेकिन कानून वापस नहीं लिया जाएगा। केंद्र सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister Kailash Choudhary) ने किसानों से सरकार के साथ वार्ता करने की अपील की है।


उन्होंने कहा कि किसान पिछले काफी दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, मैं किसानों से अपील करता हूं कि सरकार के साथ बैठकर बिल संबंधित कानूनों से जुड़े मुद्दों को हल करें। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान केंद्र सरकार के साथ बैठक अपनी बात रखें और बिल में कुछ जोड़ना है या किसी शंका का समाधान करना है तो कर सकते हैं लेकिन ये पूरी तरह से रद्द नहीं हो सकता है।


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उन्होंने कहा जब तक किसान सरकार के साथ बैठकर बात नहीं करेंगे तब तक इसका हल नहीं निकलेगा। उधर, किसान नेता संदीप गिड्डे ने बताया है कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित किसानों की अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल रद्द कर दी गई है। इसके बजाय सोमवार को दिनभर की भूख हड़ताल की जाएगी।


वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार बातचीत का एक और प्रस्ताव रखती है तो हमारी कमेटी उसपर विचार करेगी। हम सभी से प्रदर्शन के दौरान शांति बरकरार रखने की अपील करते हैं। बता दें कि सरकार किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।


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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी किसानों को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है। तोमर और राजनाथ सिंह दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे, लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।


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