Year End 2020: भारत में कोरोना के चलते यूएई में खेला गया IPL, जानिए लीग से जुड़ीं खास बातें

स्पेशल न्यूज़: कोरोना का संकट काल किसको नहीं याद है, इस संकट में हर कोई कई तरह की परेशानियों से जूझ चूका है. इस कोरोना काल से क्रिकेट जगत को भी काफी बड़ा नुकसान हुआ है. लॉकडाउन में कई लोग इससे प्रभावित हुए हैं. वहीं भारत की मशहूर टी-20 लीग आईपीएल के आयोजन को लेकर भी कई अड़चनें आई. 29 मार्च से भारत में शुरू होने वाली लीग को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि साल के अंत होने से पहले आईसीसी द्वारा टी-20 वर्ल्ड कप स्थगित किए जाने के बाद करोड़ों-अरबों रुपये वाली आईपीएल को आयोजन के लिए एक मौका और मिला.


इस कोरोना काल के संकट के बीच भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने यह मौका हाथ से जाने नहीं दिया, कोरोना मामले को देखते हुए बीसीसीआई ने अमीरात क्रिकेट बोर्ड से संपर्क किया और वहां आयोजन के लिए तैयारी शुरू कर दी. वहीं मेडिकल स्टाफ, फ्रैंचाइजी, गवर्निंग कॉउंसिल, खिलाड़ी और आयोजकों ने 53 दिनों के आयोजन के लिए सहमति जता दी. इसके बाद बायो सिक्योर बबल (जैविक रूप से सुरक्षित माहौल) और तमाम सुरक्षा उपायों के बीच दर्शकों के बगैर खाली स्टेडियम में 19 सितंबर से यूएई में आईपीएल 2020 की शुरुआत हुई.


कोरोना काल के बीच इंग्लैंड में बायो सिक्योर बबल के बीच पहली अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला का आयोजन किया गया जो सफल साबित हुआ. इंग्लैंड ने तब सफलतापूर्वक वेस्टइंडीज की मेजबानी की. हालांकि इस नए तरीके में खिलाड़ियों और प्रशंसकों को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा. जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में क्रिकेट फैंस की स्टेडियम में एंट्री बंद हो गई. खिलाड़ियों का होटल से बाहर जाना मना हो गया. खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ की कई स्तर पर मेडिकल जांच होने लगी, लेकिन इन सबके बीच क्रिकेट का खेल फिर से शुरू हो गया.


आईपीएल शुरू होने से पहले चेन्नई सुपर किंग्स के दो खिलाड़ियों (रुतुराज गायकवाड और दीपक चाहर) समेत 13 सदस्य संक्रमित पाए गए. इसकी वजह से लीग की शुरुआत को लेकर संशय की स्थिति बन गई जबकि चेन्नई के उद्घाटन मुकाबले में खेलने को लेकर भी अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे. हालांकि सही जांच और सुरक्षा उपायों को अपनाने और सीएसके के अभ्यास सत्र में देरी के बाद टूर्नामेंट का आयोजन सफल तरीके से शुरू हुआ. 


तीन बार की चैंपियन चेन्नई के लिए आईपीएल की शुरुआत किसी भी मायने में अच्छी नहीं रही और यही कारण रहा कि वह आखिरी तक जूझती नजर आई. टीम के खिलाड़ियों और सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना और हरभजन सिंह ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया. यही नहीं ड्वेन ब्रावो जैसे स्टार ऑलराउंडर की चोट से टीम की मुश्किलें और बढ़ गई. इन सबसे टीम अंत तक उबर नहीं पाई और 14 में आठ लीग मुकाबले हारकर अंक तालिका में सातवें स्थान पर रही. 


मुंबई की पांचवीं जीत:

रोहित शर्मा की कप्तानी में कुछ बदलावों के साथ उतरी मुंबई इंडियंस की टीम का दबदबा पूरे टूर्नामेंट में बरकरार रहा। मुंबई ने 16 में से 11 मुकाबले जीते और अंक तालिका में शीर्ष पर रहने के साथ ही फाइनल में दिल्ली कैपिटल्स को हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार खिताब पर कब्जा जमाया।


दिल्ली का पहला फाइनल:

रिकी पोंटिंग की कोचिंग और श्रेयस अय्यर की कप्तानी में दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने जोरदार शुरुआत की. दिल्ली ने 14 में से आठ मुकाबले जीते और अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रही. पूरे टूर्नामेंट में टीम दूसरी टीमों पर भारी पड़ी हालांकि वह कभी भी मुंबई से पार नहीं पा पाई. दिल्ली पहली बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची और खिताब की दावेदारी जताई, लेकिन खिताबी मुकाबले में उसे मुंबई के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. 


मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा के लिए टूर्नामेंट की शुरुआत अच्छी रही तो वहीं अंत कई तरह के विवादों और अनिश्चितताओं के बीच खत्म हुआ. रोहित को लीग स्टेज के आखिरी कुछ मुकाबलों में मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत के बाद बाहर बैठना पड़ा. हालांकि उन्होंने नॉकआउट और फिर फाइनल मुकाबले में उतरकर सभी को चौंकाया. बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी उनके चोटिल होने की पुष्टि की। इस बीच चोट और फिटनेस का हवाला देकर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उनका चयन नहीं किया गया, जिसने एक नए विवाद को जन्म दिया. 


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