उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बंजारों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की तैयारी में है। यूपी में बंजारों की आबादी करीब दस लाख बताई जाती है। वर्तमान समय में इन्हें घूमंत जाति (डिनोटिफाइड ट्राइब्स) में रखा गया है।
लंबे समय से उठ रही है अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग
जानकारी के मुताबिक, कई जिलों में इन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया जाता है। लेकिन, इस वर्ग में शामिल होने से नौकरियों में उन्हें समुचित भागीदारी नहीं मिल पा रही है। नतीजतन, लंबे समय से बंजारा जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की जा रही है।
सूत्रों का कनहा है कि इन्हें अनुसूचित जनजाति में रखे जाने के लिए फाइल आगे बढ़ा दी गई है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने के बाद इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार ही ले सकती है।
एसटी में शामिल होने पर मिलेगा 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ
बता दें कि एसटी में शामिल होने पर इस जाति को भी दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। जिससे इससे इनका शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास हो सकेगा।
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इससे पहले भी कई बार केंद्र सरकार को बंजारा जाति को एसटी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भेजा गया। इसे स्वीकार नहीं किया गया। लेकिन, इस बार प्रदेश सरकार ने केंद्र में भी कड़ी पैरवी का फैसला किया है।
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