उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को और धार देने की कोशिश में जुट गई है. इसके लिए वह कई बड़े कदम उठाने जा रही है. इसमें सबसे बड़ा फैसला पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का है. इस बोर्ड के बनने के बाद साधु-संतों, पुजारियों और पुरोहितों को हर महीने बकायदा सैलरी मिलने लगेगी. इस तरह से यूपी देश का पहला राज्य हो जाएगा, जहां इस तरह की व्यवस्था लागू होगी. सीएम योगी अपने उसी वादे को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं इसीलिए इसे 100 दिन के एजेंडे में शामिल किया गया है.
दरअसल, भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प-पत्र में बुजुर्ग साधु-संतों, पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण के लिए बोर्ड बनाने का वादा किया था. सीएम योगी अपने उसी वादे को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं इसीलिए इसे 100 दिन के एजेंडे में शामिल किया गया है. इसी के चलते सीएम योगी ने पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का निर्देश दिया है. हालांकि इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों मंत्रिपरिषद के समक्ष धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति व भाषा विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण देखा और दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 21वीं सदी में भारत में सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है. प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित एवं लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित करने का हमारा प्रयास है.
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