देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को मौजूदा वित्त वर्ष (2018-19) की पहली तिमाही में 4,876 करोड़ रुपए का भारी घाटा हुआ है। इससे पहले मार्च की तिमाही में एसबीआई को रिकॉर्ड 7,718.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया कि वेतन वृद्धि (सैलरी हाइक) के लिए उच्च प्रावधानों और खजाने को हुए नुकसान के कारण 4,876 करोड़ रुपए का भारी-भरकम घाटा हुआ है।
बैंक ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,006 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया था, बैंक ने भारी-भरकम नुकसान के लिए कारोबार की कम आय, बांड पर प्राप्ति बढ़ने आदि को जिम्मेदार ठहराया है।
The State Bank of India reports a net loss of Rs 4876 Crore in the first quarter that ended on June 30 this year: Rajnish Kumar, SBI chairman (10.08.2018) pic.twitter.com/aLjccLjwjI
— ANI (@ANI) August 11, 2018
इस घाटे का मुख्य कारण फंसे हुए कर्जों (एनपीए) की भरपाई के लिए प्रावधान करना है।
बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऋण पर कुल प्रावधान 8,929.48 करोड़ रुपए से दोगुना होकर 19,228 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में बैंक की कुल आय बढ़कर 65,492.67 करोड़ रुपए रही, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 62,911.08 करोड़ रुपए थी। इस अवधि में देश के सबसे बड़े बैंक के एनपीए (फंसे कर्जे) में 10.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि एक वर्ष पहले की समान तिमाही में एनपीए में 9.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।