बीते साल जुलाई में कानपुर जिले में हुए बिकरू कांड में मुख्य आरोपी विकास दुबे की मुखबिरी कई पुलिसकर्मियों ने की थी. इनमे से दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर होने वाली विभागीय कार्रवाई की जिम्मेदारी एसपी साउथ दीपक भूकर को सौंपी गई है. आरोपी सात पुलिसकर्मियों में से चार के बयान भी दर्ज हो चुके हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि इन में से कइयों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है.
सबूतों के आधार पर होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, बिकरू कांड में विकास दुबे और उसकी गैंग पर मेहरबानी करने में 51 पुलिसकर्मियों को दोषी बनाया गया है. इनके खिलाफ लगातार जाँच चल रही है. एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि सात पुलिसकर्मियों को आरोप पत्र दिया गया है. जिसमे पूर्व चौबेपुर एसओ विनय तिवारी, दरोगा केके शर्मा, विश्वनाथ मिश्रा, कुंवर पाल सिंह, अजहर इशरत, सिपाही राजीव व अभिषेक शामिल हैं. वे अपने-अपने बयान दर्ज करवा रहे हैं. जिसके बाद कार्रवाई का सिलसिला शुरू होगा.
बता दें कि वृहद दंड के तहत पुलिसकर्मी को प्रतिकूल प्रविष्टि, वेतमान या पद पर डिमोशन के अलावा बर्खास्तगी तक का प्रावधान है. पुलिसकर्मियों के खिलाफ जिस तरह के आरोप होंगे और उससे संबंधित साक्ष्य उपलब्ध होंगे, उसी तरह की कार्रवाई की जाएगी. इस वृहद दंड के तहत विनय तिवारी, केके शर्मा, कुंवर पाल सिंह और अजहर इशरत पर बर्खास्तगी तक की तलवार लटकी है.
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क्या है बिकरू कांड
गौरतलब है कि जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर विकास के गुर्गों ने हमला कर दिया था. बदमाशों से मुठभेड़ में तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी. इस प्रकरण में हुई एसआईटी की जांच में कई संस्तुतियां की गई हैं, जिनमें से पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी है.
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