उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) पर जमकर हमला किया। उन्होंने बिना नाम लिए ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पलटूराम बता दिया। यही नहीं, अखिलेश पर हमला करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि पांच साल में प्रदेश को लूटने से सिवा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में लोगों के घर और प्लॉट सुरक्षित नहीं थे, उन पर जबरन कब्जा कर लिया जा रहा था। संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और अधिवक्ता विवेक कुमार (Vivek Kumar) ने पलटवार करते हुए अपने बगले झांकने और अपनी पार्टी को साबित करने की सलाह दी है।
सपा प्रवक्ता विवेक कुमार ने ट्वीट कर कहा कि सुरेश खन्ना जी शायद आप यूपी में बीजेपी के पदाधिकारियों पर बात नहीं करना चाहते। समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाने से पहले अपनी बगले झांक लेना और पहले अपनी पार्टी को साबित करना आवश्यक है। अखिलेश यादव पर कटाक्ष से बढ़िया पहले अपनी सत्यता पर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये बताएंगे कि समाजवादी पार्टी की कार्यशैली जिनका खुद कोई सत्य नहीं। अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के अवैध रूप से कब्जे पर एक शब्द नहीं निकलता और आरोप लगाएंगे। सुरेश खन्ना जी सत्य कड़वा होता है।
बीजेपी नेता ने बुजुर्ग दंपत्ति की पुश्तैनी जमीन और मकान पर किया कब्जा
सपा प्रवक्ता ने आजमगढ़ जिले के एक दंपत्ति का वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में पीड़ित दंपत्ति ने अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है। 60 वर्षीय पीड़ित राजेंद्र पांडेय पुत्र विश्वनाथ पांडेय निवासी बछवल थाना मेहनगर ने अपनी पुश्तैनी जमीन और मकान पर कब्जे के लिए आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी लेकिन आरोपी पक्ष द्वारा जांच प्रभावित कर गलत रिपोर्ट लगवाई गई। पीड़ित का आरोप है कि उनके भाई बीजेपी नेता महेश्वरीकांत पांडेय ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर घर से निकाल दिया।

राजेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि मेरे पिताजी 2 भाई थे, स्वर्गीय विश्वनाथ पांडेय और स्वर्गीय कल्पनाथ पांडेय (चाचा)। चाचा जी के 6 लड़के हैं जिनमें से एक महेश्वरीकांत पांडेय हैं। उन्होंने बताया कि पढ़ाई-लिखाई पूरी होने के बाद वो अपनी फैमिली के साथ मुंबई गए और प्राइवेट जॉब करने लगे। मुंबई में उन्होंने 40 साल नौकरी की। इसके बाद जब वो रिटायर हुए तो दिसंबर 2019 में वापस अपने घर आजमगढ़ लौट आए। लेकिन जब वह घर गए तो महेश्वरीकांत पांडेय ने उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। पीड़ित राजेंद्र पांडेय का आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई, फौजदारी की धमकी दी गई, झूठा केस करने की धमकी दी गई।

आईजीआरस पोर्टल पर दंपत्ति ने की थी शिकायत
पीड़ित का आरोप है कि उन्हें और उनके लड़को को झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने तक की धमकी देते हुए भगा दिया गया। इसके बाद पीड़ित राजेंद्र कुमार पांडेय अपनी पत्नी के साथ आजमगढ़ आकर रिश्तेदार के घर रुके। इसके बाद 6000 रुपए किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। पीड़िता हार्ट के मरीज हैं।
राजेंद्र कुमार पांडेय और उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि उन्हें जमीन और मकान में हिस्सा दिलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि महेश्वरीकांत पांडेय बीजेपी को धोखा दे रहे हैं। बीजेपी के नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईजीआरस पोर्टल पर शिकायत की थी लेकिन जांच करने आए इंस्पेक्टर उदयराज सिंह को प्रभाव में लेकर गलत रिपोर्ट लगवाई गई और इंस्पेक्टर ने जानबूझकर आईजीआरएस पोर्टल पर गलत रिपोर्ट लगाई है।
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