प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में अव्वल आने पर एक सुनहरा मौका दे रही है. सरकार की इस योजना के अंतर्गत इंटरमीडिएट के बाद 70 फीसदी अंक पाने वाले विद्यार्थियों को अब रोजगार पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इस योजना में माध्यमिक शिक्षा विभाग और एचसीएल कंपनी के बीच अनुबंध हुआ है. आगरा में शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान यह सौगात देते कहा की, ‘ रोजगार के साथ शिक्षा को कैसे जोड़ने के लिए सरकार कम कर रही है.
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इसके लिए आईटी विभाग के साथ बैठक हुई थी, इसमें एचसीएल का लखनऊ में माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ अनुबंध हुआ. इस योजना के तहत यूपी बोर्ड के जो विद्यार्थी 12 वीं की परीक्षा में 70 फीसदी अंक लाएंगे, उन्हें एचसीएल में नौकरी मिलेगी. शुरू में इस योजना का लाभ लखनऊ और इसके आसपास के छात्रों को मिलेगा. इन मेधावी विद्यार्थियों को कंपनी द्वारा 15 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान इनको 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.
मिलेगा दो लाख से ज्यादा का पैकेज
वहीं दूसरी ओर इसके बाद वह बीटेक, एमटेक, एमएससी कंप्यूटर जैसे प्रोफेशनल डिग्री ले सकेंगे. एचसीएल ने ई-लर्निंग प्रोग्राम के तहत राजस्थान के बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड साइंस, पिलानी से अनुबंध किया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी नौकरी करते-करते प्रोफेशनल हो जाएंगे. उन्हें न्यूनतम 2.20 लाख का पैकेज मिलेगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में लगभग 2700 कौशल विकास केंद्र खोले जाने हैं, सरकार की कोशिश है कि इनमें से अधिकांश केंद्र माध्यमिक विद्यालयों में खोले जाएं। ताकि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ कुछ काम भी सीख सकेंगे.