इस दुनिया में हर प्राकृतिक चीज बहुमूल्य है. ‘जल ही जीवन है’ इस बात की सच्चाई सभी को पता है लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी की पश्चिम बंगाल की एक महिला के लिए जल का महत्व खाने-पीने से कही ज्यादा है. पश्चिम बंगाल के कटवा में रहने वाली एक महिला जो सुबह सूरज की पहली किरण के साथ तालाब की तरफ रुख कर लेती है और शाम ढले आती है. और आपको जानकार और भी हैरानी होगी की यह महिला तालाब में नहाने नहीं बल्कि अपनी बीमारी की वजह से जाती है.
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कटवा जिले के गोवई गांव में रहने वाली इस महिला की उम्र 60 साल है और ये महिला पिछले बीस सालों से रोज सुबह तालाब की ओर निकल पड़ती है. इस महिला के अनुसार वह रोज बारह से 14 घंटे तालाब में ही रहती है और फिर शाम ढलते ही घर लौट आती है. महिला लगभग अपना पूरा दिन गले तक पानी में रहकर ही बिताती है। वह वर्ष 1998 से ऐसा कर रही हैं.
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अपनी बीमारी से लड़ रही महिला
घरवालों के मुताबिक इस महिला को एक बीमारी है जिसकी वजह से उसे यह करना पड़ता है. उसकी त्वचा में काफी जलन होती है इसलिए वह अपना दिन का ज्यादातर हिस्सा तालाब में ही गुजारती है. आलम ये है कि वह खाना भी तालाब में ही खाती है. महिला के बेटे का कहना है कि 20 साल पहले मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण धूप में आते ही उनकी त्वचा जलने लगती थी और पानी में राहत मिल जाती थी. इस बीमारी की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी जीने का ये रास्ता खोज लिया और तालाब ही उनका अस्थाई आशियाना बन गया.


















































