बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) लगातार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर हमले बोल रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बसपा से गठबंधन मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए किया था। बसपा चीफ ने ट्वीट कर कहा कि अखिलेश विभिन्न दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। उन्हें बचकानी बातें नहीं करनी चाहिए।
बचकाने बयान देना बंद करें अखिलेश
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबन्धन करके भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं? इसके साथ ही, जो पिछले हुये लोकसभा आमचुनाव में बीएसपी से गठबन्धन करके भी यहां खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बीएसपी की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बन्द करना चाहिये।
2. इसके साथ ही, जो पिछले हुये लोकसभा आमचुनाव में, बी.एस.पी. से गठबन्धन करके भी, यहाँ खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बी.एस.पी. की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बन्द करना चाहिये। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) April 29, 2022
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूँ। अतः अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है।
कभी सत्ता में वापस नहीं आने वाली सपा
इससे पहले गुरुवार को मायावती कहा कि अब सपा कभी सत्ता में नहीं आने वाली है और अखिलेश यादव खुद विदेश भागने की फिराक में हैं। उन्होंने सपा को ही बीजेपी की यूपी में दोबारा सरकार बनने के लिए जिम्मेदार माना है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मुझे राष्ट्रपति बनाने का सपना देखना छोड़ दे। सपा उनके बारे में अफवाह फैला रही है।
उन्होंने सीधे अखिलेश यादव पर निशाना साधा कहा कि सपा के कारण ही भाजपा सत्ता में आई क्योंकि सपा के कारण पूरा चुनाव ध्रुवीकरण पर हो गया। मायावती ने कहा कि मुस्लिम दलितों के वोट में बहुत ताकत है, यह लोग जुड़ जाएं तो मुझे सीएम बना सकते हैं।
मायावती ने कहा कि प्रदेश का मुसलमान समाजवादी पार्टी से बेहद नाराज हैं। ऐसे में वह उसके साथ जुड़ने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 को को हिंदू-मुस्लिम रंग दिया गया। प्रदेश में मुस्लिमों की खराब हालत के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जिम्मेदार हैं।
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