मच्छर….. बहुत छोटा सा जीव होता है ये लेकिन इसके काटने से बड़ी बड़ी बीमारियां तक हो सकती हैं. आज भी मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया समेत कई बीमारियां फैल जाती हैं. इनमें सबसे ज्यादा लोग मलेरिया से प्रभावित होते हैं. इन बीमारियों से बड़ी तादाद ने लोगों की मौत तक हो जाती है. ऐसे में विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में मच्छरों से बचने के लिए जागरूकता फैलाई जा सके. ब्रिटिश सर्जन सर डोनाल्ड रॉस ने सन 1897 में पहली बार मच्छर और मलेरिया के संबंध का पता लगाया था. तब से लगातार ये दिन मनाया जा रहा है.
मलेरिया की वजह से मनाया जाता है ये दिन
अगर रिपोर्ट्स की मानें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में साल 2020 में मलेरिया के 24 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए थे, जिनमें 6.27 लाख लोगों की इस बीमारी की वजह से मौत हो गई थी. साल 2019 में दुनियाभर में मलेरिया के 22 करोड़ मामले सामने आए थे और 5 लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई. वैसे तो मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप अफ्रीकी देशों में है, लेकिन भारत में यह बीमारी बड़ी तादाद में लोगों को प्रभावित करती है.
ये है मच्छर दिवस मनाने की वजह
वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण, मलेरिया एक पुरानी बीमारी बनी हुई है. दुनिया भर के लोगों के लिए एक घातक खतरा है. मलेरिया ने अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप को प्रभावित किया है. 20 अगस्त 1897 को एक ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने मादा एनोफिलीज मच्छरों की खोज की थी – जो पूरी दुनिया में मलेरिया फैलाने और मौत के लिए जिम्मेदार था. परजीवी मानव को तब तक संक्रमित नहीं कर सकता जब तक कि कोई इसे मानव शरीर में संचारित न कर दे. मादा एनोफिलीज मच्छर इसका वाहक बन जाता है. इसी के चलते 20 अगस्त को ही मच्छर दिवस मनाया जाता है.
विश्व मच्छर दिवस 2022 की थीम
विश्व विश्व मच्छर 2022 की थीम “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए इनोवेशन का उपयोग करना” है. एडीज मच्छर चिकनगुनिया, डेंगू और जीका का कारण बनते हैं, जबकि कई अन्य मच्छरों में एनोफिलीज मच्छर मलेरिया और लसीका फाइलेरिया का कारण बनते हैं. उनकी रोकथाम अनिवार्य रूप से उनके प्रजनन को रोकने, मच्छरदानी, क्रीम लगाने और लंबी बाजू के कपड़े पहनने से की जा सकती है.
3500 से ज्यादा प्रजातियों के होते हैं मच्छर
बता दें कि मच्छरों की 3500 से ज्यादा प्रजातियां होती हैं, जिनमें से केवल कुछ मादा प्रजातियों के मच्छर ही इंसानों को काटते हैं. मादा मच्छर को अपने अंडों के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है और इंसानों के खून से मच्छरों को प्रोटीन मिलती है. यही कारण है कि मच्छर स्किन पर सुई जैसे डंक से लोगों को काट लेते हैं.
मच्छरों के काटने के बाद त्वचा पर खुजली, सूजन और अन्य गंभीर इंफेक्शन हो जाता है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हैं जो लोगों को बुरी तरह प्रभावित करती हैं. कुछ अफ्रीकी देशों में मच्छरों की वजह से यलो फीवर फैल जाता है.
मच्छरों के काटने की वजह से सबसे ज्यादा मलेरिया फैलता है. मलेरिया के पैरासाइट से संक्रमित मच्छर अगर किसी व्यक्ति को काट लें तो मलेरिया फैल जाता है. इसके अलावा डेंगू और चिकनगुनिया की वजह भी मच्छर ही बनते हैं. मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियां कई खतरनाक बीमारियों को जन्म देती हैं. इसलिए सावधानी बरतने की सख्त जरूरत होती है.
मच्छरों से ऐसे करें बचाव
ज्यादा मच्छरों वाली जगह पर न जाएं
पूरे शरीर को कवर करने कपड़े पहनें
मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम या ऑयल लगाएं
रात को मच्छरदानी का प्रयोग करें
घर और उसके आसपास सफाई रखें
अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखें
बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें
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