सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण अभियान का भव्य शुभारंभ, राज्यपाल ने दी सामाजिक सहयोग की अपील

मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों से टीकाकरण अभियान में सहयोग की अपील की थी। इसी क्रम में पंडित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत कर दी है।

सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित विशेष समारोह में राज्यपाल की मौजूदगी में कस्तूरबा गांधी राजकीय विद्यालय की 100 छात्राओं को टीका लगाकर अभियान का शुभारंभ किया गया। विश्वविद्यालय ने करीब 2000 छात्राओं के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे सामाजिक सहयोग के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

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सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण की आवश्यकता और चुनौतियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें दो से तीन डोज दिए जाते हैं। उम्र बढ़ने पर यह टीका अधिक खर्चीला हो जाता है और डोज की संख्या भी बढ़ जाती है।सरकारी स्तर पर अभी इस टीकाकरण की व्यवस्था नहीं की गई है, लेकिन निजी अस्पतालों में प्रति डोज की कीमत 3,000 से 4,000 रुपये तक होती है।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,
“यह टीकाकरण अभियान छात्राओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय सामाजिक सहयोग के आधार पर इस अभियान को सफल बनाएगा ताकि अधिक से अधिक छात्राओं को लाभ मिल सके।”

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हीरक जयंती वर्ष में विजेताओं का सम्मान
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हीरक जयंती वर्ष के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को मंच से सम्मानित किया और उनके हुनर को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।

उन्होंने कहा,
“विश्वविद्यालय द्वारा प्राथमिक और इंटरमीडिएट स्कूलों के बच्चों के बीच प्रतियोगिताएं आयोजित कर उनके खेल और नृत्य कौशल को पहचानने और उन्हें सम्मानित करने का जो कार्य किया गया है, वह सराहनीय है। इससे छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा और वे समाज की मुख्य धारा से जुड़कर अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”

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167 किमी की ऐतिहासिक साइकिल रैली को हरी झंडी
राज्यपाल ने हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर विश्वविद्यालय के एक समूह द्वारा 167 किलोमीटर लंबी साइकिल रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए 7 फरवरी को विश्वविद्यालय में समाप्त होगी।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,
“यह साइकिल रैली विद्यार्थियों को समाज से जोड़ने और उन्हें स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं सतत विकास के प्रति जागरूक करने का एक प्रयास है। यह शिक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व का एक अनूठा संगम है, जिससे हम एक समृद्ध और सतत भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।”

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ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगी साइकिल रैली
इस साइकिल रैली में 25 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें 10 महिला प्रतिभागी भी हैं। यह यात्रा चौरी चौरा (स्वतंत्रता संग्राम का ऐतिहासिक स्थल), कुशीनगर (भगवान बुद्ध का परिनिर्वाण स्थल), रामकोला सूर्य मंदिर (धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल) सहित गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के 8 ब्लॉकों से होकर गुजरेगी।

यह साइकिल यात्रा विद्यार्थियों को प्रेरित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को भी सामाजिक बदलाव का भागीदार बनाएगी।

राज्यपाल का संदेश: स्वास्थ्य और शिक्षा की दिशा में आगे बढ़े समाज
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में कहा,
“सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिसका समय पर टीकाकरण ही सबसे बड़ा बचाव है। जब महिलाएं इससे संक्रमित होती हैं, तो यह बेहद कष्टकारी होता है। लोगों को इसके टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए और इस अभियान को सफल बनाना चाहिए।”

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गोरखपुर विश्वविद्यालय का यह प्रयास न केवल छात्राओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि समाज में एक नई जागरूकता भी लाएगा।

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