केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने छत्रपति शिवाजी महाराज (Chatrapati Shivaji Maharaj) को पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष शासक बताया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज न केवल भारत के दिलों में बसे हैं, बल्कि उनके अपने जीवन और परिवार के लिए भी उनका विशेष महत्व है। गडकरी ने सेकुलर शब्द की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका अर्थ सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करना है, न कि केवल पंथनिरपेक्षता।
शिवाजी महाराज ने किया सभी धर्मों का सम्मान
महाराष्ट्र सदन (Maharastra Sadan) में आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में कई युद्ध लड़े, लेकिन उन्होंने कभी किसी मस्जिद पर हमला नहीं किया। वे महिलाओं का सम्मान करने वाले और जनता के प्रति समर्पित शासक थे। उनका प्रशासन कठोर लेकिन लोकहितैषी था। उन्होंने प्रतापगढ़ की लड़ाई (10 नवंबर, 1659) का उल्लेख करते हुए बताया कि जब बीजापुर के सेनापति अफजल खान की मृत्यु हुई, तो शिवाजी महाराज ने उनके अंतिम संस्कार के लिए मुस्लिम सैनिकों को सम्मानपूर्वक आदेश दिया।
शशि थरूर ने किया शिवाजी के कुरान सम्मान का उल्लेख
इस अवसर पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की धर्मनिरपेक्षता पर ज्यादा चर्चा नहीं होती, लेकिन वे हमेशा इन मूल्यों पर अडिग रहे। थरूर ने बताया कि शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों को निर्देश दिया था कि यदि युद्ध के दौरान उन्हें कुरान मिले, तो वे उसे पूरे सम्मान के साथ सुरक्षित रखें और तब तक न छुएं जब तक कोई मुस्लिम व्यक्ति उसे न ले जाए।
शिवाजी की सेना में सभी जाति और धर्मों के लोग थे
थरूर ने यह भी बताया कि शिवाजी महाराज की सेना में सभी वर्गों के लोग शामिल थे। उनकी सेना में दलित, ब्राह्मण, हिंदू और मुस्लिम सभी समुदायों के सैनिक थे। वे सभी को समान अवसर और सम्मान देते थे। यह उनकी धर्मनिरपेक्ष सोच का प्रमाण है।
बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी के हिंदुत्व को आगे बढ़ाया
गडकरी ने कहा कि शिवाजी महाराज को अंग्रेजी और मुगल शासनकाल में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्हें इतिहास में लुटेरा कहा गया, जो सत्य से परे है। उन्होंने यह भी कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी महाराज के हिंदुत्व विचार को आगे बढ़ाया। तिलक ने शिवाजी की विरासत को संरक्षित करते हुए उनके मूल्यों को प्रसारित किया।
शिवाजी का प्रशासन आज भी एक मिसाल
नितिन गडकरी ने कहा कि शिवाजी महाराज का शासन मॉडल आज भी एक मिसाल है। उन्होंने न्यायसंगत, सक्षम और प्रभावी प्रशासन चलाया, जो सभी वर्गों के लोगों के लिए समान था। उनके शासन की यह विशेषताएँ ही उन्हें एक महान शासक बनाती हैं।