लखनऊ (Lucknow) आयकर विभाग (Income Tax) में पदस्थ जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा (IRS Yogendra Mishra) के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। निलंबन झेल रहे योगेंद्र मिश्रा के परिवार ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है। उनके पिता और पत्नी ने वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
‘पहले से रची गई थी साजिश’- पिता गोविंद नारायण मिश्र का दावा
योगेंद्र मिश्रा के पिता अधिवक्ता गोविंद नारायण मिश्र ने मीडिया को भेजे गए वीडियो में कहा कि एक मामूली विवाद को जानबूझकर बड़ा रूप दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयकर विभाग के भीतर एक साजिश के तहत यह सब पहले से प्लान किया गया था। उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई कि साक्ष्यों से छेड़छाड़ की जा सकती है और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड की मांग
गोविंद मिश्रा ने सरकार से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ स्थित आयकर विभाग में कार्यरत संबंधित अधिकारियों का तबादला किया जाए। साथ ही एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड का गठन हो, ताकि कोई भी पक्ष जांच को प्रभावित न कर सके।
पांच अफसरों पर मिलीभगत का आरोप
योगेंद्र मिश्रा की पत्नी, ARTO नेहा द्विवेदी और पिता ने पांच अफसरों पर साजिश रचने का आरोप लगाया है, जिनमे अपर आयकर आयुक्त जय नाथ वर्मा ,आयकर आयुक्त (प्रशासन) ऋचा रस्तोगी, आयकर आयुक्त (अपील) शौर्य शाश्वत शुक्ला ,डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग ,IPS अधिकारी रवीना त्यागी (गौरव गर्ग की पत्नी) का नाम शामिल है। परिवार का कहना है कि ये सभी अधिकारी एकजुट होकर योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ काम कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच की राह में बाधा बन सकते हैं।
‘एकतरफा कार्रवाई हो रही है’– नेहा द्विवेदी का आरोप
नेहा द्विवेदी ने आरोप लगाया कि उनके पति पर एफआईआर तो तुरंत दर्ज कर ली गई, लेकिन जब उन्होंने डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग के खिलाफ तहरीर दी, तो उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अब वे न्यायालय के जरिए FIR दर्ज कराने के लिए CrPC की धारा 156(3) के तहत कार्रवाई करेंगी।
‘घटना को लेकर आयकर विभाग की चुप्पी संदेहजनक’
योगेंद्र मिश्रा के पिता ने सवाल उठाया कि इतने गंभीर घटनाक्रम के बाद भी आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान क्यों नहीं आया? उनका कहना है कि विभाग की यह चुप्पी साजिश को लेकर संदेह को और गहरा करती है।
क्या है पूरा मामला?
29 मई को लखनऊ के हजरतगंज स्थित इनकम टैक्स ऑफिस में डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग ने आरोप लगाया कि जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा ने उन पर अचानक हमला कर दिया। एफआईआर में कहा गया है कि मिश्रा ने गला दबाने की कोशिश की, गिलास फेंका, चेहरे पर मुक्के मारे और प्राइवेट पार्ट पर जूते से वार किया। गौरव गर्ग के मुताबिक, इस हमले के पीछे की वजह एक क्रिकेट मैच को लेकर हुआ पुराना विवाद था, जिसमें मिश्रा को टीम में नहीं चुना गया था। इस घटना के बाद मिश्रा का तबादला उत्तराखंड कर दिया गया था। हमले के बाद गर्ग को सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इसी के चलते 4 जून को योगेंद्र मिश्रा को निलंबित कर दिया गया।
फोरेंसिक और CCTV फुटेज जांच
पुलिस ने गौरव गर्ग के बयान दर्ज करने के बाद आयकर विभाग के छठवें फ्लोर पर फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचकर निरीक्षण किया। पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे हैं और CCTV फुटेज की जांच भी की जा रही है।
परिवार का रुख सख्त
मिश्रा परिवार का कहना है कि जब तक दोनों पक्षों की सुनवाई नहीं होगी, तब तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे अब कानूनी रास्ते से न्याय की लड़ाई लड़ेंगे और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार व अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।