यूपी के बस्ती जिले के डाक बंगले में विगत दिनों भाजपा नेता सूरज सिंह सोमवंशी और ठेकेदार रमेश चंद्र पांडे व अन्य लोगों के बीच हुआ विवाद अब तूल पकड़ने लगा है ।निषाद पार्टी के विधायक अनिल त्रिपाठी ने संत कबीर नगर के ठेकेदार रमेश चंद्र पांडे व अन्य लोगों के खिलाफ बस्ती पुलिस द्वारा ताबड़तोड़ की जा रही कार्रवाई को ही अब कटघरे में खड़ा कर दिया है । इसके साथ ही उन्होंने डीआईजी बस्ती संजीव त्यागी से मिलकर पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच की मांग की ।
आरोप लगाया कि जिसने मारपीट की बस्ती पुलिस उसके ही पक्ष से किस आधार पर केस दर्ज किया है । जबकि पीड़ित की तहरीर पर कोई सुनवाई नहीं हुई है । उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ सत्ता पक्ष के एमएलसी के दबाव में किया गया है । अन्यथा पुलिस एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए तीन से चार घंटे तक किसी आरोपी के घर छापेमारी की कार्रवाई नहीं करती । विधायक ने डीआईजी को पत्र सौंपते हुए पूरे घटनाक्रम के महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी उठाया है ।
15 दिन पूर्व दोनों की हुई मुलाकात, सूरज सिंह ने टेंडर दिलाने का किया था वादा
निषाद पार्टी के विधायक अनिल त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को खलीलाबाद शहर में ठेकेदार रमेश चंद्र पांडे के समर्थन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि संत कबीर नगर के निवासी रमेश चंद्र पांडे प्रतिष्ठित व्यवसाई व ठेकेदार है ।इनके विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है । रमेश चंद्र पांडे पिछले 20 वर्षों से विभिन्न विभागों में ठेकेदारी का कार्य करते हैं और उनके ऊपर अभी तक कोई मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है । उन्होंने सवाल किया कि एमएलसी प्रतिनिधि को बिना शुल्क जमा किए कैसे लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले में ठहराया गया जबकि, एमएलसी ने अपने नाम से 11 से 14 जून तक भवन सुरक्षित कराया था । इसमें सूरज सिंह किस अधिकार के तहत ठहरे थे । उन्होंने बताया कि धर्मसिंहवा नगर पंचायत में बंधन योजना के तहत कार्य करने के लिए सूरज सिंह सोमवंशी से ठेकेदार रमेशचंद्र पांडे की बातचीत हुई थी और उन्होंने काम दिलाने का आश्वासन भी दिया था । जैसा कि रमेश चंद के परिवार वालों से हुई बातचीत में पता चला है । इस संबंध में रमेश चंद्र पांडे की 15 दिन पहले सूरज सिंह से मुलाकात हुई थी और उनके द्वारा टेंडर भी डाला गया था । लेकिन उन्होंने उनसे रुपए लेने के बाद अपने चहेते फर्म को टेंडर दिला दिया और रुपए वापस नहीं कराए । बातचीत के लिए सूरज सिंह ने खुद गेस्ट हाउस में रमेश चंद्र पांडे को बुलाया था उनके कहने पर ही वह ₹ 05 लाख लेकर मौके पर गए भी थे । जहां दोनों लोगों के बीच इस तरह की घटनाएं घटित हुई है ।
सच्चाई सामने आएगी और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे : अनिल त्रिपाठी
विधायक अनिल त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा नेता सूरज सिंह सरकारी कार्यालय में धौंस जमाकर अन्य ठेकेदारों का शोषण करने का कार्य करते थे । सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, नगर पंचायत जैसे अन्य कई विभागों में एमएलसी के लेटर पैड का इस्तेमाल कर लोगों को ब्लैक मेल करते थे । सूरज सिंह के खिलाफ बस्ती और संत कबीर नगर जैसे जिले में कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं । लेकिन आज तक पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की । यदि वह एमएलसी के प्रतिनिधि नहीं है तो आज तक उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई । यह एक बड़ा सवाल है । यहां तक की उन्होंने दिशा की बैठक में भी हस्ताक्षर किया था । वह विधान परिषद सदस्य सुभाष जी से चिट्ठी लिखवा कर लेटर पैड का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई के नाम पर धनगाही का कार्य करते हैं । कहा कि सच्चाई सामने आएगी और दोषी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे ।
निषाद पार्टी के विधायक के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं : सूरज सिंह
भाजपा नेता सूरज सिंह सोमवंशी का कहना है कि भाजपा का मैं एक निष्ठावान कार्यकर्ता हूं । एमएलसी का प्रतिनिधि नहीं हूं । निषाद पार्टी के विधायक अनिल त्रिपाठी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है । मैं घटना के दिन डाक बंगले पर मित्र से मिलने के लिए गया था । जिस समय वहां पर घटना हुई वहां पर एक ट्रेनी सीओ मौजूद थे और उन्होंने ही 112 पुलिस को बुलाया था । उधर, इस संबंध में एमएलसी सुभाष यदुवंश से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका ।