मुंबई में आयोजित इफ्तार कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह की डराने-धमकाने या सांप्रदायिक विवाद पैदा करने की कोशिश को सख्ती से नकारा। पवार ने कहा कि इस तरह की कोशिशों का कड़ा जवाब दिया जाएगा और आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने सामाजिक एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने का आह्वान किया और यह भी बताया कि यह देश एकता और विविधता का प्रतीक है।
समाजिक एकता पर जोर
एनसीपी के नेता ने इस अवसर पर विभिन्न त्योहारों की अहमियत को बताया, जैसे होली, गुड़ी पड़वा और ईद, जो समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं। पवार ने महान नेताओं जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बीआर अंबेडकर और ज्योतिबा फुले का उल्लेख करते हुए कहा कि इन नेताओं ने समाज में एकता और प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में है।
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मुस्लिम समुदाय को आश्वासन
उपमुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय से यह वादा किया कि वे हर कदम पर उनके साथ खड़े रहेंगे। पवार ने कहा, “अगर कोई हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को डराने या सांप्रदायिक कलह पैदा करने की कोशिश करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभिन्न धर्मों और जातियों को एक साथ लेकर समाज की प्रगति की दिशा में काम करना चाहिए।
इफ्तार पार्टी में विपक्षी नेताओं की भागीदारी
गुरुवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में कई राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया। इस पार्टी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर, मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और सपा सांसद जया बच्चन भी उपस्थित थे। यह आयोजन सांप्रदायिक सद्भाव और एकता का प्रतीक था।
यूबीटी पर कड़ी प्रतिक्रिया
नागपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा महाराष्ट्र सरकार की आलोचना किए जाने पर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के गुट की आलोचना की। साथ ही विपक्ष पर सत्ता की लालच में समझौता करने का आरोप लगाया।