UP: सिपाही मनोज कुमार के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब, मेस के घटिया खाने का उठाया था मुद्दा

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद (Firozabad) जनपद में पुलिस लाइन के मेस में घटिया खाना परोसने का मुद्दा उठाने वाले सिपाही मनोज कुमार (Constable Manoj Kumar) के तबादले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा (Stay on Transfer) दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

दरअसल, फिरोजबाद में तैनाती के दौरान सिपाही मनोज कुमार मेस के खराब खाने की सच्चाई दिखाने के लिए थाली लेकर सड़क पर आ गए थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में कांस्टेबल मनोज कहते हैं कि पुलिस 12 घंटे की ड्यूटी के बाद इस घटिया भोजन को खा रही है। यहां तक कि एक कुत्ता भी इसे नहीं खाएगा। अगर हमारे पेट में कुछ नहीं है तो हम कैसे काम कर सकते हैं?

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वहीं, जब यह वीडियो आला अफसरों के पास पहुंचा तो हड़कंप मच गया था। इसके बाद विभाग की छवि धूमिल करने और अनुशासनहीनता के आरोप में सिपाही मनोज कुमार का ट्रांसफर फिरोजबाद से गाजीपुर कर दिया गया था। इसको लेकर सिपाही मनोज कुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी 2023 को होगी।

कांस्टेबल मनोज कुमार ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों को घटिया भोजन परोसे जाने का मुद्दा उठाने की सजा उन्हें तबादले के तौर पर दी गई है। हालांकि, डीजीपी ऑफिस की तरफ से 20 सितंबर को जारी आदेश में तबदाले का कोई कारण नहीं बताया गया है।

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सिपाही मनोज कुमार ने बताया कि मेरे माता-पिता बूढ़े हैं और उनका इलाज चल रहा है। 600 किमी दूर ड्यूटी पर रहकर मेरे लिए खभाल करना बहुत मुश्किल होगा। मनोज ने बताया कि वो परिवार में अकेला सदस्य है। उनके परिवार में 2 छोटे भाई और एक अविवाहित बहन समेत 6 लोग हैं। इससे पहले कॉन्स्टेबल मनोज को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था।

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