बरेली के इस गांव ने बीजेपी को दिया था 90 प्रतिशत वोट, अबकी बार मिलेगा ‘ठेंगा’ 

केंद्र की मोदी सरकार को एसी/एसटी एक्ट में संशोधन करना काफी महंगा साबित हो रहा है। सवर्णों का कहना है कि बीजेपी सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। जिसकी वजह से जगह-जगह पर सवर्ण सरकार का विरोध कर रहे हैं। यूपी के बरेली जिले में भी सवर्णों ने सरकार के विरोध में पोस्टर और बैनर लगाकर अपना विरोध जाहिर किया। इन बैनर और पोस्टर में लिखा गया है कि नोटा ही हमारा हथियार है, कृपया वोट मांगकर शर्मिंदा न करें एक ही संकल्प नोटा ही विकल्प।

 

भाजपा को दिया था 90 प्रतिशत वोट, मिला धोखा

सूत्रों की मानें तो आंवला लोकसभा क्षेत्र की तहसील आंवला के गांव अतरछेड़ी में सवर्णों ने यह फैसला किया है। सूत्र बताते हैं कि यहां के सवर्णों का कहना है कि एससी/एसटी एक्ट के विरोध में अब उनका गांव नोटा का विकल्प चुनेगा। इसके लिए गांव के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की मंशा से बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं। यही नहीं, यहां के लोगों से 2019 के लोकसभा चुनावों में किसी भी दल को वोट नहीं करने की अपील तक की गई है।

 

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वहीं, गांव के सवर्णों ने बताया है कि उनके गांव का 90 प्रतिशत वोट बीजेपी के खाते में गया, लेकिन भाजपा ने सवर्णों के साथ धोखा किया है। जिसकी वजह से गांव के लोग बीजेपी से काफी नाराज हैं और आगामी लोकसभा चुनावों में नोटा का इस्तेमाल करने का मन बना लिया है। गांव के लोगों ने कहा कि उनको बीजेपी सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी, सवर्ण बाहुल्य गांव अतरक्षेडी ने हमेशा बीजेपी को वोट दिया है। गांव के ही अजीत सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है कि सवर्ण को दबाकर उसे जेल भेज दो।

 

आरक्षण सवर्णों का दुश्मन, आर्थिक आधार पर इसे दिया जाए

अजीत सिंह ने कहा कि हम जब से पैदा हुए, तब से आज तक आरक्षण खत्म नहीं हुआ। वहीं, गांव के ही महेंद्र सिंह ने कहा कि आरक्षण सवर्णों का दुश्मन है। उनका कहना है कि आरक्षण का आधार आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर दिया जाना चाहिए। गांव के ही महेश का कहना है कि जो कोर्ट ने जो फैसला किया था उसमें बीजेपी सरकार ने संशोधन करके सवर्णों को दबाने का काम किया है।

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