एक मुस्लिम होने के कारण मुझे हिंदुस्तान में डर लगता है :नसीरुद्दीन शाह

आपको याद होगा कि साल 2015 में आयी बॉलीवुड फिल्म ‘वेलकम बैक’ में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का एक डायलॉग ‘मज़ाक था भाई, मज़ाक’ बहुत प्रसिद्ध हुआ था. आपको बता दें कि बॉलीवुड जगत के वरिष्ठ कलाकार और अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने इस बार बिना मज़ाक किये बुलंदशहर हिंसा पर विवादित बयान दिया है. नसीरुद्दीन शाह ने कहा- ‘आज देश में पुलिस ऑफिसर की मौत से ज़्यादा अहमियत गाय की है’. गौरतलब हो कि गोकशी विवाद से भड़के बवाल ने इसी 3 दिसंबर को बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था.

 

समाज में चारों तरफ फैला ज़हर :नसीरुद्दीन शाह

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा- ‘इन दिनों समाज में चारों तरफ ज़हर फैल गया है. मुझे इस बात से डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? तो मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा. पूरे समाज में ज़हर पहले ही फैल चुका है’. गुरुवार को नसीरुद्दीन शाह ने एक विवादित बयान में कहा- ‘एक मुस्लिम होने के कारण मुझे हिंदुस्तान में डर लगता है’. जिसको लेकर देश में असहिष्षुणता की नई बहस छिड़ गई है. नसीरुद्दीन शाह ने कहा- उन्हें फिक्र होती है कि कहीं उन्हें किसी भीड़ ने घेर लिया और पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान?

 

नसीरुद्दीन शाह ने कही ये 5 बातें, ध्यान दें

  • कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिली हुई है, एक पुलिस अफसर से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है.
  • मुझे मेरे बच्चों की फिक्र होती है, कल को उन्हें किसी भीड़ ने घेरकर पूछ लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान.
  • इन हालातों पर मुझे बहुत गुस्सा आता है. सही नजरिया रखने वाले हर इंसान को गुस्सा आना चाहिए न कि डरना चाहिए. हमारा घर है ये, हमें कौन निकाल सकता है यहां.
  • कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल चुकी है. ये जहर फैल चुका है. ये जिन्न अब बोतल में वापस बंद नहीं होगा.
  • कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है.