Home Crime लखनऊ: ‘कलानिधि के पुलिसवालों’ की ‘कलाकारी’, छात्रा का सरेआम दुपट्टा खींचने वाले...

लखनऊ: ‘कलानिधि के पुलिसवालों’ की ‘कलाकारी’, छात्रा का सरेआम दुपट्टा खींचने वाले को जेल के बजाय दे दी बेल

राजधानी लखनऊ में एक छात्र परीक्षा देकर लौट रही होती है, तभी पीछे से आए बाइक सवार तीन शोहदे फब्तियां कसते हुए दुपट्टा खींच लेते हैं। छात्र बहादुरी दिखाते हुए उनसे भिड़ जाती है और शोहदे गिरफ्तार हो जाते हैं, पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अब शुरू होता है पुलिस का खेल। छेड़खानी की तहरीर के बावजूद पुलिस दो शोहदों पर शांति भंग की धारा लगाती और दोनों शाम तक जमानत पर बाहर। अब कैसे कोई वर्दी से हमदर्दी की उम्मीद करे? धारा बदलने की ऐसी करतूत पुलिस के लिए कोई नई बात नहीं है। इस बार इसे राजधानी की कृष्णानगर पुलिस ने अंजाम दिया। इसी तरह का खेल करके पुलिस ही सरकार के महिला सुरक्षा के तमाम दावों को तार-तार करने में जुटी है।


शोहदों ने छात्रा को दी जान से मारने की धमकी

मूलरूप से रायबरेली निवासी पीड़ित छात्र कृष्णानगर में किराए पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती है। तहरीर के मुताबिक वह परीक्षा देकर वीआइपी रोड स्थित पकरी पुल के पास ऑटो से उतरी और घर जा रही थी, तभी बाइक सवार तीन शोहदों ने उस पर फब्तियां कसीं और बाइक पर बैठे एक युवक ने दुपट्टा खींच लिया। इससे वह सड़क पर गिरते-गिरते बची।

>

Also Read: मेरठ: खाकी की दबंगई, सिपाही ने की लाइसेंसी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग


ऐसे में जब छात्रा ने उन शोहदों का विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बावजूद छात्रा शोहदों से भिड़ गई तो लोग भी जुटने लगे। इसी बीच उसने शोहदों और बाइक की फोटो भी खींच ली। घटनास्थल से तीनों शोहदे भाग निकले, लेकिन पुलिस ने बाइक का नंबर ट्रेस करके दो को गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर कृष्णानगर पीके सिंह के मुताबिक पकड़े गए शोहदों में विशेश्वरनगर निवासी गौतम जायसवाल और विशाल सिंह हैं, फरार आरोपित राहुल है।


Also Read: मुरादाबाद: हेड कांस्टेबल के बेटे ने सिपाही की बेटी से की छेड़खानी, विरोध करने पर दी जान से मारने की धमकी


जानकारी के मुताबिक, कानूनी तौर पर इस मामले में पुलिस धारा 354ए की कार्रवाई कर सकती थी। अगर यह धारा लगती तो शोहदे तुरंत बाहर न होते, कम से कम वो जेल तो जाते। लेकिन पुलिस ने खेल किया और शोहदे आजाद हो गए।


एफआईआर का संज्ञान नहीं, बयान को आधार बनाने का दावा

इंस्पेक्टर का कहना है कि छात्रा ने बयान में कहा कि पकड़े गए दोनों युवकों ने अपने फरार साथी की पिटाई की, उनका छेड़खानी में कोई अहम रोल नहीं। इसलिए दोनों आरोपितों का चालान शांतिभंग में किया गया। हालांकि, तीनो आरोपितों के खिलाफ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज है। फरार साथी की तलाश की जा रही है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब छेड़खानी की एफआईआर दर्ज थी तो बयान के आधार पर कार्रवाई क्यों की गई?


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )

Secured By miniOrange