उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में इलाहाबाद स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। केशव प्रसाद मौर्य पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े 2 मामलों सहित 10 साल पुराने दुर्गा पूजा पांडाल समिति में हुए विवाद मामले में केस दर्ज है।
मौर्य के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट
जानकारी के मुताबिक, अदालत ने सितंबर 2008 के मामले में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे, जहां उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी कि दुर्गा पूजा समिति के फर्जी कागजात तैयार करने के बाद जनता से धन इकट्ठा किया गया। हालांकि, केशव प्रसाद मौर्य के वकील ने दोनों ही आरोपों को गलत बताया है।
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बता दें कि शुक्रवार सुबह 11:30 बजे के करीब अपने समर्थकों के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (keshav prasad maurya) जिला कचहरी पहुंचे। बहुमंजिला न्याय भवन में स्थापित विशेष अदालत में अधिवक्ताओं के साथ हाजिर हुए। विशेष न्यायाधीश के सामने अपने सरेंडर की अर्जी प्रस्तुत की। कोर्ट दफ्तर से पत्रावलियों को तलब करने के बाद न्यायाधीश ने डिप्टी सीएम को दोनों ही मामलों में न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया।
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कौशांबी के मंझनपुर थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
सूत्रों ने बताया कि आपराधिक और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में उनकी ओर से प्रस्तुत सरेंडर अर्जी पर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की कोर्ट में वकीलों ने बहस की।
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गौरतलब है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ कौशाम्बी के मंझनपुर थाने में 2011 और 2013 में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त धारा 128 सीआरपीसी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा भी चल रहा है।
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