देवरिया: बिना आदेश सरकारी गाड़ी और गनर लेकर घूम रहे थे SP, डीजीपी बोले- वापस करो

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ट्रांसफर होने के बाद भी 7 माह तक सरकारी गाड़ी, गनर, चालक और फालोवर को अपने साथ लखनऊ में रखे थे. जब इसकी शिकायत डीजीपी कार्यालय में पहुंची तो हड़कंप मच गया. डीजीपी के निर्देश पर एसपी कनय ने सरकारी गाड़ी और चालक को वापस कर दिया और गनर व फालोवर को लखनऊ चुनाव कार्यालय से संबंध कर दिया गया.


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बालगृह बालिका कांड का किया था पर्दाफाश

बालगृह बालिका कांड का पर्दाफाश करने के बाद 15 अगस्त 2018 की शाम शासन ने देवरिया के तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय का ट्रांसफर कर दिया था. रोहन पी कनय को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया. ट्रांसफर होने के बाद देवरिया एसपी के नाम से रजिस्टर्ड अर्टिगा कार, गनर, चालक व एक फालोवर को साथ लेकर रोहन पी कनय लखनऊ चले गए. इसमें से उन्होंने किसी को वापस नहीं किया. मामला विभागीय होने के कारण किसी ने मुंह तक नहीं खोला. मामला एसपी एन कोलांची के पास भी पहुंचा. उन्होंने रोहन पी कनय से बातकर गाड़ी वापस करने को . लेकिन किसी ने कागजी कार्रवाई नहीं की. जिससे मामला ठंडे बस्ते में चला गया.


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नये एसपी ने शुरू की मामले की पड़ताल

फरवरी में एसपी प्रमोद कुमार ने कार्यभार ग्रहण किया. उन्होंने सरकारी गाड़ियों के बारे में पड़ताल शुरू की. अर्टिगा कार गायब मिलने पर उन्होंने प्रतिसार निरीक्षक से पूछताछ की. पूछताछ करने के बाद पता चला कि गाड़ी के साथ पुलिसवाले भी लखनऊ में कई माह से टिके हुए हैं. इसके बाद एसपी ने सभी का वेतन रोकने का निर्देश जारी कर दिया. एसपी प्रमोद कुमार ने डीजीपी को डीओ लेटर खिलकर कार, गनर, चालक और फालोवर वापस कराने का अनुरोध किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने एसपी रोहन पी कनय से पूछताछ भी की.


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डीओ लेटर के बाद डीजीपी ने दिए निर्देश

एसपी प्रमोद कुमार ने डीओ लेटर लिखकर डीजीपी से कार, गनर, चालक और फालोवर वापस कराने का अनुरोध किया. जिसके बाद डीजीपी के निर्देश पर रोहन पी कनय ने सरकारी गाड़ी व चालक को वापस कर दिया. वहीं शासन ने फालोवर व गनर को लखनऊ स्थित चुनाव सेल से संबद्ध कर दिया. प्रतिसार निरीक्षक प्रकाश चंद्र पांडेय ने कहा कि करीब 7 माह बाद गाड़ी व गनर वापस आ गए हैं.


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