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गाजियाबाद: एकाउंटर पर सवाल के बाद हुआ तबादला तो बिफरे इंस्पेक्टर, बोले- टूट गया मनोबल, अब और नौकरी नहीं

हाल ही में गाजियाबाद जिले में गौ तस्करों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. जिसमें सात बदमाशों को एक ही जगह पैर में गोली लगी थी. इस मामले में सोशल मीडिया पर तरहग तरह की बातें भी बनाई गयी थीं. जिसके बाद एसएसपी पवन कुमार ने SHO लोनी बॉर्डर का तबादला कर दिया. अब इंस्पेक्टर ने मामले में अपनी नाराजगी दिखाई है. उनका कहना है कि एनकाउंटर की वजह से ही उनका तबादला किया गया. एसएसपी पवन कुमार ने उन्हें शनिवार को लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी के पद से हटाकर इंदिरापुरम थाना का निरीक्षक अपराध बनाया था. अब इंस्पेक्टर ने खुद को कार्यमुक्त करने के लिए आवेदन किया और छुट्टी पर चले गए. उनके आवेदन की कॉपी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.

लिखा- मानसिक स्थिति सही नहीं है

जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एक कॉपी वायरल हो रही जो कि पूर्व लोनी SHO राजेंद्र त्यागी की तरफ से लिखी गयी है. कॉपी में लिखा है कि ‘एसएसपी के आदेश के अनुपालन में चार्ज भार वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप शर्मा के सुपुर्द किया जाता है. अपनी रवानगी के अनुपालन में चार्ज भार छोड़ते हुए अपने मूल पते पर रवाना होता है. महोदय अवगत कराना है कि मेरे द्वारा दिनांक 11 नवंबर को गोकशों से मुठभेड़ मेरे व टीम के द्वारा की गई थी. जिसमें 7 गोकशों के पैर में गोली लगी थी. गाय कटी व उपकरण बरामद हुए थे. इसमें मेरे द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई थी. मुझे लगता है कि मेरा ट्रांसफर इसी कारण से किया गया है जिससे मेरा मनोबल काफी टूट चुका है. इस समय नौकरी करने की स्थिति में नहीं हूं. मुझ पर आज तक कोई भी आरोप नहीं लगा है और न ही मेरी जांच किसी भी जनपद में लंबित है. मेरा चरित्र रोल पर वार्षिक मंतव्य उत्कृष्ट श्रेणी का रहा है। इस घटना में उच्चाधिकारी द्वारा पहले जांच कराई जानी चाहिए थी. किंतु मेरा अल्पसमय में स्थानांतरण होने के कारण मेरा मनोबल काफी टूट चुका है. प्रार्थी नौकरी करने की स्थिति में नहीं है. अत: महोदय से निवेदन है कि प्रार्थी को कुछ समय के लिए नौकरी से कार्यमुक्त करने की कृपा करें. प्रार्थी पर कोई पेंडेंसी शेष नहीं है. प्रार्थी को कुछ समय के लिए मानसिक परिस्थति से रिकवर के लिए कार्यमुक्त करने की कृपा करें.’

इंस्पेक्टर का कहना है कि मुठभेड़ के बाद लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर व हिंदू संगठनों द्वारा उनका सम्मान करने के कारण उन्हें थाने से हटाया गया है. उन्होंने सम्मान करने के लिए किसी को नहीं बुलाया था. लोग खुद थाने आए थे. अफसरों को इसमें कुछ गलत लगा तो पहले जांच कराते, फिर कार्रवाई करते. उन्होंने लोगों से कहा था कि वह उनका नहीं, एसएसपी का सम्मान करें, लेकिन लोग नहीं माने. अफसरों के मनाने के सवाल पर कहा कि जब मनोबल ही गिर गया है तो ड्यूटी कैसे ज्वाइन कर सकते हैं? इसलिए मना कर दिया

कार्रवाई के मूड में एसएसपी

वहीँ दूसरी तरफ एसएसपी ने भी मामले में सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. एसएसपी ने साफ़ तौर पर कहा है कि रवानगी करने के बाद इंस्पेक्टर के ड्यूटी ज्वाइन न करने की सूचना मिली है. अगर वह गैरहाजिर होतेे हैं तो अनुशासनहीनता के आरोप में रिपोर्ट लेकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. नौकरी करने का मन न होने को इस्तीफे के रूप में जोड़कर नहीं देखा जा सकता. अगर वह इस संबंध में कुछ लिखकर देंगे तो उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

इस एनकाउंटर पर उठे थे सवाल

गौरतलब है कि गजियाबाद जिले में गुरुवार को लोनी इंस्पेक्टर के नेतृत्व में बेहटा हाजीपुर के एक गोदाम में पशु कटान कर रहे सात तस्करों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया. इसमें पुलिस ने 13 गोलियां चलाईं. इनमें से सात गोली सात बदमाशों को एक जगह पर पैर में घुटने के नीचे लगी. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. लोग इस फोटो पर सवाल उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं.

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