मुलायम सरकार के मंत्री के भ्रष्टाचार पर अखिलेश ने डाल रखा था पर्दा, योगी सरकार चलायेगी मुकदमा

मुलायम सरकार में मंत्री रहे चौधरी मोहम्मद बशीर पर भ्रष्टाचार के मुकदमें को राज्यपाल की मंजूरी मिल गयी है. योगी सरकार द्वारा इस संबंध में पत्रावली राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजी गई थी जिसे राज्यपाल राम नाइक ने मंजूर कर मोहम्मद बशीर के विरुद्ध आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी है.

 

बिना विद्यालय निर्माण के रुपये जारी करने के आरोप

मुलायम सरकार में मंत्री रहे मोहम्मद बशीर पर आरोप है कि उन्होंने 2002-03 से वर्ष 2006-07 की अवधि में आगरा में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रबंधकों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से बिना विद्यालय निर्माण कराए विधायक निधि से करोड़ो रुपये जारी कर कर गबन कर लिए थे.

 

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बशीर के इस कृत्य की सरकारी खजाने को भारी नुकशान पहुंचा था. इस भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी. लोकायुक्त ने चौधरी मो. बशीर एवं अन्य को दोषी पाते हुए 26 सितंबर 2007 को शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए शासन ने 30 जनवरी 2008 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. बशीर एवं अन्य 4 के कूटरचना करने, धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश के अलावा भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज की गई थी.

 

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अखिलेश सरकार ने दबा दिया था मामला 

उत्तर प्रदेश अधिष्ठान द्वारा की गयी जाँच पर बशीर को दोषी पाया गया और अपनी जाँच रिपोर्ट 2014 में तत्कालीन अखिलेश सरकार को भेज दी थी, लेकिन अखिलेश सरकार ने यह मामला दबा दिया. आज योगी सरकार में पुराना दबा मामला फिर उजागर हुआ.

 

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