तो क्या योगी की जगह RSS को कामकाज की रिपोर्ट दे रहे हैं यूपी के मंत्री, वायरल पत्र से मचा बवाल

उत्तर प्रदेश में इन दिनों एक सवाल पर चर्चा बड़ी तेजी से हो रही है कि क्या अब प्रदेश सरकार के मंत्री अपने कामकाज की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को न देके आरएसएस को देने लगे हैं ? ये चर्चा यूँ ही नहीं शुरू हुई इसके पीछे इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक पत्र है. वायरल हो रहा ये पत्र कथित रूप से योगी सरकार में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल की तरफ से भेजा गया बताया जा रहा है.

 

क्या लिखा है पत्र में? 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में में दर्ज तारीख के अनुसार ये 9 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल के लेटर हेड पर लिखा गया है. सह कार्यवाहक, आरएसएस को संबोधित इस पत्र में बैठक के बारे में जानकारी दी गई है.

 

 

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इस पत्र में लिखा है कि ‘राज्य योजना आयोग-2 उत्तर प्रदेश शासन के पत्र संख्या 5/2017/(1251/17)/9/5/35-आ-2/2007-69 दिनांक 26/04/2017 के क्रम में मेरे द्वारा दिनांक 27 सितंबर, 2018 को प्रभारी जनपद देवरिया का भ्रमण किया गया. भ्रमण के दौरान शासन की प्राथमिकताओं एवं विकास कार्यक्रमों का प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित कराए जाने हेतु समस्त विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई.’

 

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वहीं जब इस मामले परजब अनुपमा जायसवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा है कि मुझे भी इस पत्र की जानकारी मिली है. हम अपने दौरे की रिपोर्ट केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तुत करते हैं. मैंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है. यह पत्र किसी ऐसे व्यक्ति की शरारत है जो संघ की कार्यप्रणाली को नहीं समझता है. पत्र में ‘सह कार्यवाहक’ लिखा है, जबकि संघ में ‘सह कार्यवाह’ होते हैं.

 

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पत्र वायरल होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे ने इसकी प्रति राज्यपाल राम नाईक को भेजते हुए इसकी प्रमाणिकता की जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि पत्र सही है तो बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने पद एवं गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया है जो कि असंवैधानिक है.

 

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