उत्तर प्रदेश में हलाल लिखे उत्पादों की बिक्री पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने को जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट (Halal Trust) के सीईओ नियाज अहमद फारुकी (CEO Niaz Ahmed Farooqui) ने गलत करार दिया है। फारुकी का कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर कोर्ट जाएंगे।
हलाल प्रमाणित उत्पादों की वैश्विक मांग मजबूत
जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद फारुकी ने कहा कि हलाल ट्रस्ट में प्रमाणन प्रक्रिया भारत में निर्यात के उद्देश्यों और घरेलू वितरण दोनों के लिए निर्माताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप है। हलाल प्रमाणित उत्पादों की वैश्विक मांग मजबूत है और भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है, यह तथ्य हमारे वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भी निर्दिष्ट है।
उन्होंने कहा कि यह उपभोक्ताओं को उन उत्पादों का उपयोग करने से बचाता है जो वे कई कारणों से नहीं चाहते हैं। इसलिए यह प्रमाणन बाजार में आवश्यकता आधारित उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। हलाल प्रमाणीकरण हमारे देश को लाभ पहुंचाने वाली एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है।
मौलाना नियाज फारुकी ने कहा कि सभी हलाल प्रमाणन निकायों को एनएबीसीबी (भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) द्वारा पंजीकृत होना आवश्यक है, जोकि जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने हासिल किया हुआ है।
हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद फारुकी ने बताया कि एपीडा (भारतीय कृषि उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) और दुनियाभर में भारतीय दूतावासों के साथ निकटता से सहयोग करते हुए, हम वैश्विक बाजारों में भारतीय हलाल प्रमाणित उत्पादों को सक्रिय रुप से बढ़ावा देते हैं। उनके ट्रस्ट के हलाल प्रमाण पत्र विश्वभर में विभिन्न सरकारों और अधिकारियों द्वारा विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं। साथ ही हम विश्व हलाल खाद्य परिषद के सदस्य भी हैं।
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