हाथरस मामले में योगी सरकार का बड़ा एक्शन, SIT रिपोर्ट के बाद SDM-CO समेत 6 अधिकारी निलंबित

Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने मामले के लिए जिम्मेदार एसडीए्म, सीओ समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में निलंबित होने वाले अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था. दरअसल, 2 जुलाई को साकार सूरज जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान दर्ज किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक आयोजक मुख्‍य जिम्‍मेदार हैं. स्‍थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है. दो सदस्‍यीय जांच समिति ने कहा कि हादसे के पीछे साजिश से इन्‍कार नहीं किया जा सकता है. गहन जांच की जरूरत है. आयोजकों की लापरवाही से हाथरस दुर्घटना हुई है. भीड़ को आमंत्रण देकर पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किया गया. लोकल पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को प्रोपर जानकारी नहीं दी.

हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 02 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित हादसे के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था. जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया. इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया. जांच समिति की आख्या के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:-

● एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है.

● जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्रवाई के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है.

● जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है. स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं.

● उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया.

● उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया. एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है. तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है.

● आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली. अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया. आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई. न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया.

● आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं. इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली.

● आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया. स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया.

● सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई. भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और हादसा घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए.

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