NZ के कप्तान ने कहा- धोनी शानदार खिलाड़ी, आज अगर न्यूजीलैंड की नागरिकता लें तो कर लेंगे अपनी टीम में शामिल

वर्ल्ड कप (World Cup) में हुई भारतीय टीम (Indian Team) की हार के बाद न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की धीमी पारी की आलोचना हो रही है. न्यूजीलैंड (New Zealand) ने बुधवार को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफ़र्ड मैदान में सेमीफ़ाइनल के रोमांचक मुक़ाबले में भारत को 18 रन से हराकर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप (World Cup) के फाइनल में जगह बनाई है. भारतीय टीम (Indian Team) की हार के बाद एक बार फिर से महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की आलोचना होने लगी कि उन्होंने लक्ष्य के हिसाब से अपनी पारी को तेज़ नहीं किया. धोनी को लेकर भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) दोनों से सवाल पूछे गए.


Also Read: अनजान महिला को मैसेज भेज फिर विवादों में फंसे मोहम्मद शमी, वायरल हुआ स्क्रीनशॉट


न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) से जीत के बाद प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार ने पूछा कि अगर वो भारत के कप्तान होते तो क्या टीम में धोनी को रखते? इस पर विलियमसन ने हंसते हुए जवाब दिया, ‘वो न्यूजीलैंड के लिए नहीं खेल सकते! लेकिन वो विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं’. पत्रकार ने फिर अपना सवाल दोहराया कि अगर आप भारत के कप्तान होते तब? विलियमसन ने कहा, ‘बिल्कुल, उनका अनुभव अहम मौक़े पर बहुत काम का होता है. उनका योगदान आज या कल हमेशा रहा है. जडेजा के साथ उनकी साझेदारी बेहतरीन रही. धोनी वर्ल्ड क्लास के क्रिकेटर हैं. क्या वो राष्ट्रीयता बदलने पर विचार कर रहे हैं? अगर ऐसा होता है तो हम उनके चयन पर विचार करेंगे’.



विलियमसन ने कहा ‘धोनी वर्ल्ड कप में खेलने लायक विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं. हम लोगों ने कई मौकों पर धोनी को आखिरी में मैच अपनी तरफ मोड़ते देखा है. यह बहुत ही मुश्किल विकेट था इसलिए कुछ भी आसान नहीं था’.


Also Read: 100 मी. रेस जीत गोल्ड मेडल लाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं दुती चंद, राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई


बता दें न्यूजीलैंड के 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए भारतीय खिलाड़ी बल्लेबाज़ी करने आए तो 5 रन पर ही 3 विकेट गिर गए. इसके बाद 7वें विकेट में धोनी और जडेजा की 116 रन की साझेदारी से पहले भारत के 92 रन पर 6 विकेट गिर गए थे. जडेजा और धोनी की जोड़ी ने भारत की जीत की उम्मीद जगा दी थी. भारत को आखिरी 14 गेंद में 32 रन बनाने थे, तभी जडेजा के शॉर्ट को विलियम्सन ने कैच लपक लिया. जडेजा के आउट होने के 4 गेंद बाद ही मार्टिन गप्टिल ने धोनी को बेहतरीन सीधे थ्रो से रन आउट कर दिया. धोनी की आलोचना ग्रुप स्टेज के मैच में भी उनकी आक्रामकता को लेकर हो रही थी. इंग्लैंड से मिली हार के दौरान धोनी आलोचकों के निशाने पर आ गए थे.


Also Read: युवराज के पिता योगराज सिंह ने धोनी को एक बार फिर लिया निशाने पर, बोले- MS जैसी गंदगी हमेशा…


सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी सेमीफ़ाइनल में धोनी और जडेजा के जुझारुपन की सराहना की है. हालांकि सचिन ने यह भी कहा कि भारतीय बल्लेबाज़ी हमेशा टॉप ऑर्डर पर निर्भर नहीं रह सकती. निराशा ज़ाहिर करते हुए सचिन ने कहा कि ‘मैं निराश हूं क्योंकि हमें बेशक 240 रन के लक्ष्य को हासिल करना चाहिए था. यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था. हां, ये सही है कि न्यूजीलैंड ने 5 रन पर 3 विकेट झटक कर अपनी जीत की बुनियाद रख दी थी’.


सचिन ने आगे कहा, ‘लेकिन हम हमेशा रोहित शर्मा की बेहतरीन शुरुआत या विराट कोहली से ये उम्मीद करें कि वो मज़बूत बुनियाद रख कर जाएं. बाकि के खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी. इसी तरह हम हमेशा धोनी से यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वो मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति को जीत में बदल दें. धोनी ने ऐसा कई बार किया है’.


Also Read: धोनी के मुंह से खून थूकने की तस्वीरों को फैंस ने बताया समर्पण, आलोचकों को दिया करारा जवाब


भारतीय कप्तान विराट कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी का बचाव करते हुए कहा कि ‘उन्होंने ज़रूरत के हिसाब से सही बल्लेबाज़ी की. बाहर से कुछ भी कहना आसान है मगर धोनी को एक छोर संभाले रखना था. दूसरे छोर से जडेजा अच्छा खेल रहे थे. मेरे हिसाब से उनका खेल समय की ज़रूरत के अनुकूल था. धोनी से पहले हार्दिक पंड्या को ऊपर भेजने का मक़सद यह था कि आख़िर में अगर हालात ख़राब हों तो धोनी मोर्चा संभालने के लिए मौजूद रहें’.



( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )