‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मिल रहा बाजार से अधिक दाम’, पीएम मोदी से बोला UP का किसान

भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को किसान सम्‍मान निधि योजना के तहत उत्‍तर प्रदेश के किसानों के खाते में भी ऑनलाइन किस्‍त जारी की और उनसे संवाद किया. संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के महराजगंज (Maharajganj) जिले एक किसान ने एक किसान ने मोदी से संवाद के दौरान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (ठेके की खेती) से होने वाले लाभ की चर्चा की और कहा इसमें बाजार से ज्‍यादा फायदा मिल रहा है.


महराजगंज जनपद के वनटांगिया गांव (ग्राम बरगदवा राजा) के किसान रामगुलाब (Farmer Ramgulab) को पीएम मोदी से बात करने का अवसर मिला. रामगुलाब से प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप क्या करते हैं तो उन्होंने बताया कि पहले धान-गेंहूं व सब्जी की खेती करते थे, अब नारंगी शकरकंद की खेती कर रहे हैं. इसमें अच्छी आय हैं. उनके परिवार में कुल 10 सदस्य हैं. प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपने खेती के लिए कैसे व्यवस्था बनाई, तो रामगुलाब ने कहा कि प्रायोगिक तौर पर कम पूजी लगाकर शकरकंद की खेती  शुरू कराई, बाहरी कंपनी ने अनुबंध किया तो उत्साह बढ़ा, इसमें बेहतर आय की उम्मीद के साथ काम किया गया है. भविष्य में इसे और व्यापक रूप दिया जाएगा.


राम गुलाब मुख्‍यमंत्री आवास योजना, स्‍वच्‍छ भारत मिशन, पीएम सौभाग्‍य योजना के अन्‍तर्गत सोलर लाइट, पीएम कृषि सम्‍मान निधि योजना, पीएम उज्‍ज्‍वला, किसान क्रेडिट कार्ड आदि सरकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं. राम गुलाब ने मोदी को बताया, ”उन्‍होंने 100 किसानों का एक संगठन बनाया है, जो मिलकर काम करते हैं.” उन्‍होंने कहा, ”अहमदाबाद की एक कंपनी से उन्‍होंने एग्रीमेंट (समझौता) किया है और बाजार की अपेक्षा इस कंपनी से ज्‍यादा मुनाफ़ा कमा रहे हैं.” राम गुलाब से बातचीत करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं कि नए कृषि कानून से जमीन चली जाएगी. 


रामगुलाब महराजगंज के विभिन्न स्थलों पर सहयोगी किसानों के माध्यम से नारंगी शकरकंद की खेती को बढ़ावा देने में जुटे हैं तथा महराजगंज सब्जी उत्पादन संघ की देखरेख करते हैं तथा नारंगी शकरकंद के उत्पादन को लेकर उनका अहमदाबाद की कंपनी ट्यूबर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ दिसंबर माह में अनुबंध भी हुआ है. अनुबंध के मुताबिक संघ को प्रति वर्ष 400 टन नारंगी शकरकंद का उत्पादन कर कंपनी को उपलब्ध कराना है. संघ द्वारा 10 टन का उत्पादन फरवरी में किया जाएगा. जुलाई में 200 टन व जनवरी 2022 में 200 टन का आवंटन होगा.


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