अखिलेश यादव का दिया ‘तलाक’ ओपी राजभर ने किया मंजूर, बताया- अगला निकाह किससे करेंगे

समाजवादी पार्टी की ओर से शनिवार को जारी किए गए पत्रों ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की ओर से शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और ओपी राजभर (Omprakash Rajbhar) को पत्र भेजकर कहा गया कि आप कहीं और जाने के लिए स्वतंत्र हैं. इसके कुछ ही देर बाद ओपी राजभर ने प्रेसवार्ता कर अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. अपने लहजे के लिए चर्चित राजभर ने हंस-हंसकर अखिलेश पर वार किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं किसी का गुलाम नहीं. बस दिक्कत ये है कि अखिलेश यादव को वही लोग पसंद हैं जो उनकी हां में हां मिलाएं. राजभर ने कहा कि मैं अखिलेश यादव के तलाक को कबूल करता हूं.

हालांकि उन्‍होंने यह नहीं बताया कि अगला सियासी ‘निकाह’ किससे करेंगे? मीडिया के बार-बार पूछने के बाद भी राजभर ने अपने अगले कदम के बारे में पत्‍ते नहीं खोले. इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर ने आगे की रणनीति समय आने पर बताने की बात कही है, लेकिन इस दौरान लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजभर ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती के कामों की जमकर तारीफ करके बसपा से गठबंधन के संकेत दे दिए हैं.

ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव के फैसले का हम सम्‍मान करते हैं. तलाक कबूल है. उन्‍होंने चेतावनी के लहजे में यह भी कहा कि 2024 का चुनाव आने दीजिए. राजभर ने कहा कि जो लोग बूथ नहीं जीत सकते वे अखिलेश यादव नवरत्‍न हैं. उन्‍होंने कहा कि अख‍िलेश के साथ मैं दलितों, वंचितों और समाज में अतिपिछड़ों की लड़ाई लड़ने गया था लेकिन चुनाव में उन्‍होंने जैसा किया, जब पहले चरण का चुनाव हुआ तभी मैंने कहा कि अति पिछड़ों को टिकट दें. कश्‍यप, पाल, प्रजापति, नाई, गोंड, कुम्‍हार, कोहार, लोहार, धोबी, पासी, खटीक जैसी जातियों के नेताओं को टिकट दीजिए लेकिन हमारी बात उनको नहीं जमती थी.

आजादी के 75 साल से जो जातियां ठगी गईं, उन जातियों ने वोट तो दिया लेकिन उनको हिस्‍सा नहीं मिला. हम उनके लिए लड़ते रहे. अखिलेश यादव को इस बात का बुरा लगता रहा. अखिलेश चाहते थे कि मैं उनके सुर में सुर मिलाकर बात करूं. वो जो कहें वही बोलूं लेकिन ओमप्रकाश राजभर किसी के सुर में सुर मिलाकर बोलने के लिए पार्टी नहीं बनाया है. हम जिनके लिए लड़ते हैं. उनके लिए बोलते रहते हैं. आज भी मैं कह रहा हूं. 2022 के चुनाव में हमने देखा कि सपा के पास कश्‍यप, राजभर जैसी जातियों को देने के लिए नहीं है इसलिए अखिलेश यादव ने आज जो किया हम उसका स्‍वागत करते हैं.

ओपी राजभर ने कहा कि हम यदि सीएम योगी से किसी समस्‍या के लिए मिलें तो वो बहुत बड़ा गुनाह है. अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव मिलें तो बहुत अच्‍छा है? दूध का दूध, पानी का पानी सामने आएगा कि कौन क्‍या कर रहा है. 2024 का चुनाव आते-आते फाइनल हो जाएगा.

राजभर ने बसपा के साथ जुड़ने पर कहा कि अभी बात नहीं हुई है. जब बात फाइनल हो जाएगी मैं सबको बता दूंगा. अभी मेरी शिवपाल यादव से बात नहीं हुई है. जैसे ही बात होगी मैं भविष्य की रणनीति बताऊंगा. राजभर ने कहा कि सपा में कोई भी नेता दलितों-पिछड़ों की बात नहीं कर सकता. अगर कोई हिस्सेदारी मांगेगा तो जुबान काट ली जाएगी.

बता दें कि आज समाजवादी पार्टी की ओर से गठबधंन के साथी रहे सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर को जो पत्र लिखा गया है. उसमें कहा गया है कि ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है, आपका बीजेपी के साथ गठजोड़ है और लगातार बीजेपी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं. इसी तरह का एक पत्र सपा विधायक और प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव के नाम भी लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.

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