योगी की पुलिस ने आपदा को अवसर में बदला, गांव गोद लेकर बना दिया हाईटेक

कोरोना संकट के बीच उत्तर पद्रेश के झांसी जिले (Jhansi police) में पुलिस ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसे एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। यहां पुलिस ने कोरोना संकट को अवसर में बदलने का एक भी मौका नहीं गंवाया। प्रवासी मजदूरों को रक्सा बॉर्डर पर हाईटेक सुविधा, महिलाओं को सैनेटरी पैड और बच्चों को खिलौने मुहैया कराने के बाद झांसी पुलिस ने यहां के एक गांव को गोद भी लिया है। इस गांव का नाम गढ़मऊ है, जो मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर है।


झांसी पुलिस (Jhansi police) द्वारा गोद लिए गए इस गांव में पुलिसकर्मियों ने बच्चों को स्कूली बैग दिए, जिसमें रखी किताबें बच्चों का भविष्य संवारने का काम कर रही हैं। वहीं, महिलाओं को साड़ी और युवाओं को गमछे भी दिए गए हैं। सुनकर थोड़ी हैरानी होगी कि गढ़मऊ के नाम से ग्रामीणों ने यूपी के पहले गांव का ट्वीटर हैंडल भी बनाया है, जिसके जरिए किसी भी तरह की समस्या शासन और प्रशासन तक पहुंचाई जा सकती है।


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झांसी पुलिस ने इस गांव को हाईटेक बनाने के लिए यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को अपनी टीम में शामिल किया है। पुलिस के वालंटियर्स गढ़मऊ गांव को हाईटेक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। झांसी पुलिस के इस फैसले का समर्थन यूनीसेफ ने भी किया है। साथ ही इसमें पुलिस का साथ देने की बात कही है।


एसएसपी डी प्रदीप कुमार का कहना है कि इस कॉन्सेप्ट को लेकर जिले की पुलिस लगातार काम कर रही थी। गढ़मऊ गांव को गोद लेने के बाद गांव में रहने वाले हर बच्चे की पढ़ाई से लेकर डिजिटल ट्रेनिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा. गढ़मऊ गांव का अपना ट्वीटर हैंडल होने के बाद अब ग्रामीण भी गांव की समस्याओं को ट्वीट कर शासन-प्रशासन तक पहुचा सकेंगे।


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