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शर्मनाक: पुलिसकर्मियों ने सड़क दुर्घटना में घायल भाई-बहन को गाड़ी में ले जाने से किया मना, बोले- गाड़ी गंदी हो जाएगी, दोनों की मौत

यूपी-100 की गाड़ियों में तैनात पुलिसकर्मियों के शर्मनाक रवैये की वजह से सोमवार सुबह सड़क हादसे में घायल एक युवक और उसकी ममेरी बहन की मौत हो गयी. एक बहन हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. पुलिसकर्मियों की ये शर्मनाक करतूत मड़ियांव के भिटौली चौराहे पर देखने को मिली. जहां सोमवार सुबह तेज रफ़्तार बोलेरो गाड़ी ने बाइक से जा रहे युवक अंशू, उसकी बहन सरिता व उसकी ममेरी बहन शालिनी की टक्कर मार दी. जिसके बाद तीनों लोग खून से लथपथ हो गए. मौके पर कंट्रोल रूम की दो गाड़ियां पहुंची, जिसमे मौजूद सिपाहियों ने यह कहकर घायलों को गाड़ियों से ले जाने को मना कर दिया कि खून से उनकी गाड़ी गंदी हो जाएगी.


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कोई एम्बुलेंस नहीं रुकी, ड्राइवर ने दिखाई विधायक की धौंस


खून से लथपथ पड़े अंशू, सरिता और शालिनी को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस दौरान वहां से दो एम्बुलेंस भी गुजरी, लेकिन वह भी नहीं रुकी. कुछ ही देर में पीआरवी 0495 और 0496 मौके पर पहुंच गयी. राहगीरों ने उनसे घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए कहा. इस पर सिपाही ने खून लगने से गाड़ी गंदी होने का हवाला देते हुए हॉस्पिटल ले जाने से मना कर दिया. हादसा करके भाग रहे बोलेरो ड्राइवर को स्थानीय दुकानदार शकील ने दबोच लिया. रौब दिखाते हुए ड्राइवर ने कहा- जानते हो मैं विधायक की गाड़ी चलाता हूं. शकील के मुताबिक पूछताछ के बीच में ही ड्राइवर उन्हें धक्का देकर भाग निकला. पुलिस ने बोलेरो को कब्जे में ले लिया है.


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LU की छात्रा मेघना ने की मदद, तब तक हो गयी देर


खाकी का ऐसा चेहरा देखकर वहां लगी लोगों की भीड़ हैरान रह गयी और डर के कारण भीड़ में से किसी की बोलने की हिम्मत नहीं हुई. राह चलते हुए लोग भी पुलिस वालों पर गुस्सा करने लगे. लेकिन पुलिस वालो ने उनकी एक ना सुनी. इसी बीच वहां से गुजर रही LU की छात्रा मेघना अठवानी की नज़र घायलों पर पड़ी. मेघना ने अपनी कार रोकी और पुलिस से कहा आपको अपनी गाड़ी की पड़ी है, जल्दी ले जाइये इन्हें, वरना इनकी मौत हो जाएगी. छात्रा कि इस बात का सिपाहियों पर कोई असर नहीं हुआ. जिसके बाद मेघना ने राहगीरों की मदद से घायलों को अपनी कार में बैठाया और एक नर्सिंग होम ले गयी. नर्सिंग होम ले जाने के बाद डॉक्टरों ने घायलों को मृत घोषित कर दिया और सरिता की हालत गंभीर बताकर उसे ट्रॉमा सेंटर में रिफर कर दिया. इस घटना की खबर मिलते ही बाराबंकी में रहने वाले अंशू के घर में कोहराम मच गया.


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खिचड़ी खाने मौसी के घर जा रहे थे भाईबहन


बाराबंकी से आये रिश्तेदारों ने बताया कि अंशू अपनी बहन सरिता के साथ मड़ियांव में आईआईएम रोड पर रहने वाली मौसी के घर जा रहा था. सोमवार सुबह वह बीकेटी दुर्जनपुर में मामा रामखेलावन के घर पहुंचा. जहां ममेरी बहन शालिनी भी उसके साथ जाने की जिद करने लगी. इस पर अंशू, सरिता एवं शालिनी एक ही बाइक से मड़ियांव चल दिए थे. उन्हें भिठौली तिराहे के पास बने कट से आईआईएम रोड के लिए मुड़ना था. पर अंशू थोड़ा आगे निकल गया. वापस आईआईएम रोड पर आने के लिए अंशू बाइक मोड़ने लगा. इसी समय पीछे से आ रही तेज रफ़्तार बोलेरो गाड़ी ने अंशू की बाइक में जोरदार टक्कर मार दी. हादसे के बाद गाड़ी छोड़कर भाग रहे ड्राइवर को राहगीरों ने घेर लिया.


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पुलिस की वजह से हुई मौत


नागरिकों ने पुलिस के रवैये पर विरोध जताया और सड़क जाम कर दी. हालांकि कुछ देर के बाद ही नागरिकों ने जाम खत्म कर दिया. गुस्साए लोगों का आरोप था कि अगर पुलिस तुरंत ही घायलों को अपनी गाड़ी से हॉस्पिटल पहुंचा देती तो दोनों की जान बच जाती. सड़क पर काफी देर तक तड़पते रहने से उनका ज्यादा खून बाह गया, जिससे उनको मौत हो गयी.


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