OPINION: हर घर तिरंगा अभियान और विकृत राजनीति

भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उल्लास से भरपूर भारत का जन-जन आगामी 13 से 15 अगस्त तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ रहा है। हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए चतुर्दिक प्रयास हो रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों के मन में राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य बोध उत्पन्न करके आगामी 25 वर्षो के संकल्पों को पूरा करने का प्रण लेना है। केंद्र सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए फ्लैग कोड में भी अहम बदलाव किये हैं। आजादी के बाद पहली बार देश का हर नागरिक अपने घर, व्यापारिक प्रतिष्ठान या सार्वजनिक स्थल पर तिरंगा फहरा सकता है यही नहीं इस बार सूर्यास्त के बाद भी तिरंगा फहराया जा सकता है। आजादी के बाद देश ने पहली बार तिरंगे के जनक पिंगली वेंकैया जी का जन्मदिन मनाया और उनके योगदान को स्मरण किया।

हम लोगों ने 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन बच्चों के हाथों में तिरंगा लेकर प्रभात फेरियां निकालने की कहानियां सुनी हैं और उस अवसर पर गाये जाने वाले गीत शरीर में अलग ही ऊर्जा पैदा कर देते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चरखे से खादी का बना तिरंगा न केवल आजादी की लड़ाई की पहचान बना बल्कि आज भी देशभक्ति का प्रतीक है। वर्तमान समय में, जब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है, तिरंगा यात्रा भी हाईटेक हो गयी है इसके लिए संस्कृति मंत्रालय ने एक अलग पहल की है जिसमें आनलाइन भी तिरंगा लगाया जा सकता है। यही नहीं वेबसाइट पर जाकर एक प्रमाणपत्र भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसी तरह अमृत महोत्सव के अवसर पर देश भर में सभी स्मारकों और संग्रहालयों में 15 अगस्त तक निःषुल्क प्रवेश मिलेगा जिससे लोग देश के इतिहास को जान सकें। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पहली बार सभी उन महापुरूषों व क्रांतिकारी नायकों को याद किया जा रहा है जिन्हें अभी तक उचित सम्मान नहीं मिला था या भुला दिया गया था।

सच तो यह है कि स्वतंत्रता दिवस आने से पहले ही इंटरनेट मीडिया पर तिरंगा लहराने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंटरनेट मीडिया एकांउट की डीपी पर तिरंगा लगाया और लोगों से भी ऐसा करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह का असर तत्काल देखा गया और उसके बाद केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों और एनडीए के सांसदों सहित तमाम कार्यकर्ता गण और जन सामान्य अपनी डीपी में तिरंगा लगा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक पाती तीन करोड़ लोगों तक पहुंचने वाली है। प्रदेश सरकार ने इस बार 15 अगस्त के सार्वजनिक अवकाश को भी समाप्त कर दिया है और उस दिन सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय खुलेंगे, व्यापारिक प्रतिष्ठान भी खुलेंगे तथा कोई भी स्कूल व कालेज बंद नहीं होगा अपितु पूरा स्टाफ उपस्थित रहेगा और तिरंगा फहरा जाएगा और इतिहास भी बताया जायगा। लगता है देश में राष्ट्रभक्ति की एक नयी लहर उत्पन्न होने जा रही है तथा नये संकल्पों के उदय होने और उन्हें पूरा भी करने का समय आ गया है। यह नया भारत है।

हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न संसदीय दल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए थे जिसमें राजनैतिक विचारधारा से ऊपर उठकर सभी दलों के सांसदों के लिए एक बाइक रैली का अयोजन किया गया था। नई दिल्ली में आयोजित बाइक रैली में भाजपा गठबंधन के सभी सांसद शामिल हुए लेकिन विपक्ष ने राजनैतिक विचारधारा से ऊपर उठकर जनमानस के बीच अपनी छवि को सुधारने के इस सुनहरे अवसर को भी ठुकरा दिया और बाइक तिरंगा यात्रा पर तंज कसा।

बढ़ते दबाव को देखते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपने डीपी पर नेहरू जी का तिरंगा लिए चित्र लगाया। वहीं उप्र में समाजवादी मुखिया अखिलेश यादव ने तिरंगा अभियान में बढ़ते राजनैतिक दबाव से बचने के लिए आम जनमानस से इस अभियान में शामिल होने की बात कही है। विरोधी दलों के कुछ नेता यह भी कह रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से तिरंगा फहराने व डीपी पर तिरंगा लगाने की अपील करेंगे। सेकुलर विपक्ष को यह नहीं पता कि हर घर तिरंगा अभियान प्रत्येक नागरिक व नागरिकों के हित में काम करने वाले हर संगठन व दल के लिए है। प्रधानमंत्री जो भी अपील व आग्रह करते हैं वह सम्पूर्ण भारत के लिए होता है। संघ भी उनसे अलग नहीं है। हर घर तिरंगा अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी महत्वपर्ण भूमिका अदा करने जा रहा है। हर घर तिरंगा अभियान भाजपा का नहीं अपितु हर देशभक्त नागरिक का अभियान है।

यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि जब से तिरंगा अभियान की बात शुरू हुई तभी से इस विरोधी दलों ने अपनी विकृत राजनीति भी शुरू कर दी। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के माध्यम से तिरंगे का इतिहास बताया और 13से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि ये खादी से राष्ट्रीय ध्वज बनाने वालों की आजीविका को नष्ट कर रहे हैं। वहीं जम्मू कश्मीर की पूव मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती व फारूख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को भी हर तिरंगा अभियान पसंद नहीं आ रहा है। यह लोग तिरंगे को घर पर रखने की बात कह रहे हैं। यह वही महबूबा मुफ्ती हैं जिन्होंने धारा 370 हटाते समय कहा था कि अगर 370 हटी तो घाटी में कोई तिरंगा फहराने वाला नहीं मिलेगा लेकिन आज उनका यह सपना पूरी तरह से टूट चुका है और जम्मू –कश्मीर के लोग हर घर तिरंगा अभियान को पूरी ताकत के साथ सफल बनाने के लिए जुट चुके हैं। तिरंगे के बहाने आज जम्मू कश्मीर में एक बार फिर राष्ट्रवाद की जड़ें मजबूत हो रही हैं वहीं अलगाववाद के काले मंसूबे ध्वस्त हो रहे हैं।

हर घर तिरंगा अभियान में हर किसी को शामिल होना चाहिए यह किसी राजनैतिक दल का कार्यक्रम नहीं अपितु हर देशभक्त नागरिक का उत्सव है। यह अभियान एक भारत श्रेष्ठ भरत की संकल्पना को और अधिक मजबूती प्रदान करने वाला अभियान है। राष्ट्रभक्ति का अर्थ केवल तिरंगा हाथ में लेकर चलना ही नही होता है अपितु राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा करने का प्रण भी होता है। हमें तिरंगा अभियान में यह संकल्प लेना है कि अब हम जहाँ भी हैं जो कुछ भी कर रहे हैं उसको करते हुए भारत भक्ति का भाव सबसे ऊपर रखेंगे।

( मृत्युंजय दीक्षित, लेखक राजनीतिक जानकार व स्तंभकार हैं.)

Also Read: OPINION: बयानवीर नेताओं व कर्मों से संकट में घिरती कांग्रेस

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )