अभिभावकों पर आएगी आफत, 9.5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है फीस

नई दिल्ली। प्रदेश सरकार के फीस नियंत्रण कानून-2018 के खिलाफ कानूनी लड़ाई पर सहमति जताते हुए शहर के निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (यूपीएसए) ने फीस बढ़ाने का फैसला किया है। और अगर ऐसा हुआ तो अगले सत्र में अभिभावकों को 9 से 9.5 प्रतिशत तक अधिक फीस स्कूलों को देनी होगी। इसे सबसे ज्यादा प्रभाव उन अभिभावकों पर पाएगा जो अपने बच्चों का दाखिला कराने जा रहे हैं।

 

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इस संगठन ने सदस्य स्कूलों को नए दाखिले पर अधिक फीस लेने का प्रस्ताव दिया है। सीएमएस की डॉ. गीता गांधी किंगडन की अध्यक्षता में सेंट जोजफ स्कूल में बैठक में फीस वृद्धि का निर्णय हुआ। संगठन अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शहर के 80 स्कूल प्रबंधन संगठन से जुड़े हैं। इनके अधीन 150 स्कूल संचालित हो रहे हैं।

 

अध्यापकों के लिए बनेगी नई नीति

 

शहर के निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (यूपीएसए) के सदस्यों ने उनके स्कूल छोड़ने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए नीति बनाने पर भी सहमति जताई है। यहां पुराने नियोक्ता की ओर से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद ही नौकरी दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि ऐसे बच्चों के अभिभावकों को एक से डेढ़ महीने का नोटिस जारी किया जाएगा। उसके बाद बच्चे को स्कूल से निकाल दिया जाएगा।

 

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इन स्कूलों के प्रतिनिधि पहुंचे
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, सेंट जोजफ कॉलेज, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेज (एसपी सिंह ग्रुप), द लखनऊ पब्लिक कॉलिजिएट, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल, इरम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, ्प्रिरंग डेल स्कूल, वर्तमान एकेडमी, हॉर्नर स्कूल, कुंवर ग्लोबल पब्लिक स्कूल समेत अन्य।

 

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