अयोध्या विवाद: साधु बोले- अगर ‘कलाम’ के नाम पर बनाओ मस्जिद तो देंगे अयोध्या में जमीन

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. अब इस विवाद का हल मध्यस्थता से निकलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अदालत के बाहर निपटने का फैसला सुनाया है। इस फैसले के पर अयोध्या के एक संत ने कहा है कि वो मस्जिद निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने को तैयार हैं, अगर यह मस्जिद पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर बनाई जाती है। संत ने कहा कि वो कलाम को देशभक्त मानते हैं।


फैजाबाद में होगी मध्यस्थता कार्यवाही

एक टीवी चैनल पर संत ने मुगल बादशाह बाबर का जिक्र करते हुए कहा कि वह विदेशी था और आतंकवादी था, बाबर के नाम पर बनी बाबरी मस्जिद साल 1992 में कार सेवकों ने ढहा दी थी। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को मध्यस्थता के लिए भेजे जाने का भी स्वागत किया। मध्यस्थता कार्यवाही उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में होगी और यह प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगी।


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शुक्रवार (8 मार्च, 2019) को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला मध्यस्थता के लिए भेज दिया। कोर्ट ने शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला को मध्यस्थता के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।


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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि पैनल के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल हैं।


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