‘वर्क फ्रॉम होम’ करने वाले कर्मचारियों के मिल सकती है बड़ी खुशखबरी, जानें क्या मिलेगा फायदा

 

जब कोरोना की शुरुआत में लॉकडाउन लगा था तब तकरीबन सभी कंपनियों ने अपने एम्पलाइज को वर्क फ्रॉम होम दे दिया था। जिसके बाद उन कर्मचारियों के लिए खर्चे और ज्यादा बढ़ गए। दरअसल, वर्क फ्रॉम होम के कल्चर में लाइट से लेकर इंटरनेट तक बिल ज्यादा आने लगा। ऐसे में अब इस बार वर्क फ्रॉम होम अलाउंस (Work from home allowance) की सौगात मिल सकती है। मांग में कहा गया है क‍ि यद‍ि सरकार सीधे तौर पर अलाउंस नहीं दे सकती तो आयकर में छूट का प्रावधान करे।

बढ़ रहे खर्चे

जानकारी के मुताबिक, Deloitte India के हवाले से Financialexpress.com ने लिखा है, मौजूदा महामारी स्थिति को देखते हुए लगभग हर क्षेत्र के कर्मचारी अभी घर से काम कर रहे हैं। इससे लोगों का वर्क फ्रॉम होम खर्च बढ़ गया है। इसमें इंटरनेट चार्ज, रेंट, इलेक्ट्रीसिटी, फर्नीचर आदि के खर्च शामिल हैं। इसे देखते हुए कर्मचारियों को अलाउंस की जरूरत है ताकि वे खर्च की भरपाई कर सकें। Deloitte India की सलाह है कि कर्मचारियों को 50,000 रुपये का वर्क फ्रॉम होम डिडक्शन दिया जाए जो कर्मचारी अपने घरों से काम कर रहे हैं।

ICAI की मांग

कुछ इसी तरह की सिफारिश इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने की है। आईसीएआई की सलाह है कि सरकार को बजट 2022 में वर्क फ्रॉम होम खर्च पर टैक्स रिलीफ देनी चाहिए। आईसीएआई कहता है, फर्नीचर या काम के अन्य सेटअप पर आने वाले खर्च पर टैक्स छूट मिलनी चाहिए। फर्नीचर या घर में ऑफिस के सेटअप पर टैक्स छूट इसलिए मांगी गई है क्योंकि अगर कर्मचारी ऑफिस के काम के लिए फर्नीचर जैसे कि डेस्ट, कुर्सी या अन्य सामान खरीदता है तो उस खर्च पर कर्मचारी को अपनी तरफ से टैक्स भरना होगा जबकि काम ऑफिस का होता है।

ICAI की तरफ से यह भी मांग की गई है क‍ि टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन में रिलीफ देने के लिए लिमिट बढ़ाने की जरूरत है। इनकम टैक्स के तहत अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपए है। इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये क‍िए जाने की मांग की जा रही है। बता दें कि आयकर की धारा 10 के तहत टैक्‍सपेयर्स को कुछ छूट दी जाती है. यह न‍ियम काफी पुराना हो गया है। महंगाई को देखते हुए 50 हजार की ल‍िमिट कम पड़ रही है। इसी को देखते हुए सेक्‍शन 10 के अंतर्गत स्टैंडर्ड डिडक्शन की ल‍िम‍िट 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की मांग की जा रही है।

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