उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में नाम व धर्म छिपाकर अनुसूचित समाज की युवती का अपहरण कर बलात्कार करने के आरोपी शादाब उर्फ अफजाल की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट राजकुमार बंसल ने निरस्त कर दी गई है। आरोपी शादाब ने युवती को शादी का झांसा दिया और फिर बहला-फुसलाकर घर से भगा ले गया था। इसके बाद उसने युवती के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया।
मामले में युवती के परिजनों ने बेटी का अपहरण करने व धर्म छिपाकर दुष्कर्म करने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। शासकीय अधिवक्ता शलभ शर्मा के अनुसार, कोतवाली शहर के एक गावं निवासी अनुसूचित समाज के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह चंडीगढ़ में रहता है। उसके पड़ोस में रहने वाला लड़का सोनू अपना धर्म व नाम छिपाकर उसके घर आता-जाता था।
उन्होंने बताया कि बीती 4 दिसंबर 2020 को वह अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए बिजनौर अपने गांव आया था। 7 दिसंबर को जब सभी लोग शादी में व्यस्त थे, तभी उसके एक रिश्तेदार के पास सोनू उर्फ शादाब उर्फ अफजाल आया। इस दौरान शादाब ने उनकी बेटी को शादी करने का झांसा दिया और बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। बाद में पता चला कि सोनू का असली नाम शादाब उर्फ अफजाल है। वह थाना नांगल के गांव श्यामीवाला का रहने वाला है।
परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर पीड़ित युवती को बरामद कर लिया है। युवती ने पुलिस को बताया कि सोनू उर्फ शादाब उर्फ अफजाल ने उसके साथ बलात्कार किया और फिर धर्म परिवर्तन करने के लिए उसका अपहरण करके ले गया था। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी शादाब को जमानत देने से साफ इंकार कर दिया है। आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
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