यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय (Ramayana University) की स्थापना करने जा रही है, जिससे युवाओं के लिये रोजगार की संभावनाओ का द्वार तो खुलेगा साथ ही युवाओं में संस्कृत भाषा के प्रति रूझान भी बढेगा. रामायण विश्वविद्यालय में छात्रों को वेद, रामायण, उपनिषद्, योग, ध्यान और आयुर्वेद अध्ययन के साथ संस्कृत व्याकरण पर भी जोर दिया जाएगा.
विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य भारतीय सभ्यता एवं पारम्परिक शिक्षा का संरक्षण और विकास कर युवाओं में संस्कृति को बढावा देना है. योगी सरकार युवाओं का संस्कृत भाषा के प्रति रूझान बढाने लिये तथा संस्कृत क्षेत्र में रोजगार से जोङने के लिये प्रदेश सरकार ऐसे पहले विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रही है जहां छात्र प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति से ज्ञान अर्जित करेंगे और संस्कृत क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे. साथ ही विश्वविद्यालय में आधुनिक विज्ञान की भी शिक्षा दी जाएगी.
रामायण विश्वविद्यालय के लिये ट्रस्ट ने 21 एकड़ जमीन की चिन्हित
यूनिवर्सिटी में हिन्दी और संस्कृत भाषा को प्रमुख स्थान दिया जाएगा. पहले चरण में लगभग 500 छात्रों को शिक्षा देने के साथ उनके आवास और भोजन की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय में उपलब्ध रहेगी. रामायण विश्वविद्यालय के लिए महर्षि विद्यापीठ ट्रस्ट के साथ एमओयू साइन किया जाएगा. इसे बनाने के लिए ट्रस्ट ने 21 एकड़ जमीन चिन्हित की है.
गौरतलब है कि 2017 से पहले किसी भी सरकार ने न संस्कृत की तरफ ध्यान दिया न ही इसे रोजगार से जोङने की कोई पहल की जबकि संस्कृत से रोजगार की संभावनाएँ देश से लेकर विदेश तक फैली हुई हैं. योगी सरकार ये पहल इस दिशा में महत्त्वपूर्ण साबित होगी.
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