आप ने खेली जाति की राजनीति, आतिशी ने हटाया अपना सरनेम

एक ओर जहां सारी राजनीतिक पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए जोड़ तोड़ की राजनीति में जुटी हुई हैं वहीं आम आदमी पार्टी खुद को बचाने के लिए टूट रही है। अभी तक आप के कई संस्थापक नेता केजरीवाल पर कई तरह के आरोप लगाकर पार्टी से बाहर जा चुके हैं लेकिन पार्टी की अंदर की बात पत्रकार से नेता बने आशुतोष ने बताई है। आशुतोष का बुधवार को किया गया ट्वीट आप पार्टी की जातिगत राजनीतिक का खुलकर खुलासा कर रही है।

 

अपने पुराने दर्द को बयां करते हुए आशुतोष लिखते हैं ’23 साल के मेरे पत्रकारिता करियर में मुझसे किसी ने मेरी जाति या सरनेम नहीं पूछा, मैं अपने नाम से जाना जाता रहा। लेकिन जब 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरा परिचय पार्टी कार्यकर्ताओं से उम्मीदवार के रूप में कराया गया तो मेरे विरोध के बावजूद मेरे नाम के साथ मेरा ‘सरनेम’ बताया गया। बाद में मुझे बताया गया- सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं।’

 

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बात यहीं खत्म नहीं हुई है गरीबों, दबे कुचलों और सबकी बात करने वाली आप पार्टी में भी पुरानी राजनीतिक पार्टियों की तरह जातिगत राजनीति का बोलबाला है। पार्टी नेता केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भले ही ईमानदार पार्टी का दावा करते रहे हों लेकिन पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ताओं का खुलासा समय- समय पर सामने आता रहा है।

 

अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और सारी राजनीति पार्टियां जातिगत राजनीति में व्यस्त हैं तो आम जन की पार्टी आशुतोष के इन आरोपों को तब धार मिली जब पार्टी की पहली उम्मीदवार आतिशी मार्लेना के नाम से मार्लेना हटाने की बात सामने आई।

 

आम आदमी पार्टी कंठ तक जातिगत राजनीति में डूबी हुई है इसका खुलासा तब हुआ जब पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट प्रभारी के रूप में काम करते हुए अपना बदल लिया। अब वह अपना नाम आतिशी ही इस्तेमाल कर रही हैं। आतिशी के ट्विटर हैंडल समेत प्रचार सामग्री से भी मार्लेना टाइटल गायब है।

 

मार्लेना सरनेम हटाने की वजह पर आतिशी कहती हैं कि आप मेरे काम पर चर्चा कीजिए, नाम में क्या रखा है, लेकिन आप सूत्रों का कहना है कि भ्रम की स्थिति से बचने के लिये मार्लेना टाइटल आतिशी ने खुद ही हटाया है। ऐसा माना जा रहा था कि विपक्षी दल इस टाइटल का इस्तेमाल कर लोगों में उनके धर्म को लेकर अफवाह न फैला सकें।

 

वामपंथी विचारधारा रखने वाली आतिशी इस सरनेम का इस्तेमाल कर रही थीं। यह मार्क्स व लेनिन को जोड़कर बना है। पंजाबी मूल की आतिशी क्षत्रिय हैं। उनके पिता विजय सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि पूर्वी दिल्ली सीट का प्रभार मिलने के बाद से अफवाह उड़ाई जा रही है कि आतिशी ईसाई समुदाय से हैं। इसकी वजह उनके नाम से जुड़ा टाइटल था।

 

दूसरी तरफ, इस बारे में सवाल करने पर आतिशी ने कहा कि अजीब बात है कि लोग हमारे काम से ज्यादा नाम की चर्चा कर रहे हैं। कोई इस पर बात नहीं कर रहा है कि आतिशी ने शिक्षा के लिए क्या किया। लोग मार्लेना टाइटल की चर्चा कर रहे हैं। उपनाम लगाना न लगाना या क्या लगाना है, यह निजी फैसला है।

 

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गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड से उच्च शिक्षा लेने के बाद आतिशी आप से जुड़ीं। 2013 और 2015 के चुनाव में उन्होंने आप का घोषणा पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। सरकार बनने के बाद शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आतिशी को अपना सलाहकार बनाया। हालांकि, अप्रैल 2018 में गृह मंत्रालय के आदेश पर यह नियुक्ति रद्द हो गई थी। इसके बाद आप ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया है। दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे काम में आतिशी की भूमिका अहम मानी जाती है।

 

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वहीं खुद को पाकसाफ बताने वाली तब पिछले दिनों आप पार्टी की मजबूत कड़ी माने जाने वाले दो नेताओं आशीष खेतान और आशुतोष ने पार्टी को बाय-बाय कहे जाने के बाद यह साफ हो गया है कि पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले दो वरिष्ठ नेताओं का पार्टी से अलग होना और फिर पार्टी में सबकुछ ठीक कहना गड़बड़ी की ओर ईशारा है। इन सबके बीच आप पार्टी ने आतिशी मारलेना को अपना पहला उम्मीदवार घोषित किया है तब से पार्टी की टूट खुल कर सामने आई है।

 

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