सरकारी नौकरियों में SC/ST को प्रमोशन पर नहीं मिलेगा आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट

 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकारी नौकरियों में SC/ST के लिए प्रमोशन में आरक्षण पर 2006 के अपने पूर्व के आदेश के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से बुधवार को इनकार कर दिया. यह मामला ‘क्रीमी लेयर’ लागू करने से जुड़ा हुआ था.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम खानविलकर और जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 2006 के फैसले- एम नागराज पर विचार के लिए सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ की जरूरत है.

केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ को इस मामले की तत्काल सुनवाई करनी चाहिए क्योंकि विभिन्न न्यायिक फैसलों से उपजे भ्रम के कारण रेलवे और सेवाओं में लाखों नौकरियां अटकी हुई हैं.

इस पर पीठ ने कहा कि एक संविधान पीठ के पास पहले ही बहुत सारे मामले हैं और इस मामले को अगस्त के पहले सप्ताह में ही देखा जा सकता है.

गौरतलब है कि पिछले साल 15 नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ केवल यह देखेगी कि क्या 2006 के एम नागराज और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए फैसले पर दोबारा विचार करने की जरूरत है या नहीं.

एम नागराज फैसले में कहा गया था कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए पदोन्नति में क्रीमी लेयर की अवधारणा लागू नहीं की जा सकती जैसा कि पहले के दो मामलों ….1992 के इंदिरा साहनी और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया तथा 2005 के ई वी चिन्नैया बनाम स्टेट ऑफ आंध्र प्रदेश में फैसले दिए गए थे. ये दोनों फैसले अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में क्रीमी लेयर से जुड़े थे.

 

पिछले माह ही हुआ था आरक्षण मिलने का प्रस्ताव- 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून के मुताबिक सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण जारी रखने की अनुमति दी है जब तक इस मुद्दे पर संवैधानिक पीठ में सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।

 

 

 

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