हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के लिए मॉरीशस ने दिया समर्थन

मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में तीन दिवसीय 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन अवसर पर देश के मार्गदर्शक मंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ ने हिंदी और हिंदुस्तान पर भावुक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम भारत को माता कहते हैं तो मॉरीशस उस माता का पुत्र है। उन्होंने मॉरीशस की आजादी में हिंदी का योगदान बताते हुए कहा कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने की कोशिशों में मॉरीशस पूरी तरह अपना समर्थन देगा।

 

मॉरीशस के राष्ट्रपति और पीएम पदों पर रह चुके जगन्नाथ ने कहा कि अब समय आ गया है, जब अन्य भाषाओं की तरह हिंदी को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने अपने देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में हिंदी की अहम भूमिका को स्वीकार करते हुए मॉरीशस में विश्व हिंदी मंत्रालय की स्थापना पर खुशी जताई।

 

उन्होंने कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन से दोनों देशों के बीच रिश्ते और अधिक गहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने देश की सत्ता संभाली है, हमेशा हिंदी को आगे बढ़ाने की कोशिश की है।

 

अनिरुद्ध जगन्नाथ ने कहा कि भारत माता का पुत्र मॉरीशस अपना कर्तव्य अच्छी तरह समझता है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज मजदूरों की तरह मॉरीशस आए थे, तब उनके पास सिर्फ अपनी भाषा और संस्कृति ही थी, लेकिन अपने खून-पसीने से उन्होंने अपने परिवारों को पालने के साथ मॉरीशस को आजादी दिलाने में भी मदद की। अगली पीढ़ी भी देश के आगे ले जाने की कोशिशों में है।

 

हिंदी साहित्य में सांस्कृतिक चिंतन पर हुई अनुशंसा में साहित्य और संस्कृति को मजबूत करने से लेकर भारत पर हो रहे सांस्कृतिक हमलों पर चिंता व्यक्त की गई। इसके अलावा ऐसे हमलों से निबटने के उपायों पर विचार करने को कहा गया। कार्यक्रम में तुलसीदास की कृतियों पर आधारित सांस्कृतिक ग्राम बनाने की अनुशंसा भी की गई।

 

 

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