अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से यूपी समेत कई राज्यों में युवाओं ने उपद्रव मचा रखा है। यूपी के भी कई जिलों में युवाओं ने न सिर्फ सार्वजनिक स्थलों पर तोड़फोड़ की बल्कि सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। जिसके बाद अब पुलिस की कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अग्निपथ के विरोध में अब तक 18 जिलों में उपद्रव हुआ है। जिनमे से 12 जिलों में 29 एफआईआर दर्ज की गईं हैं। इसके साथ ही अभी तक 340 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। जो भी बाहरी तत्व या संगठन इसमें शामिल रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
18 जिलों में हुआ उपद्रव
जानकारी के मुताबिक, 16 जून से लेकर अब तक अग्निपथ योजना के विरोध में 18 जिलों में प्रदर्शन हुआ है। इसमें बुलंशहर, फिरोजाबाद, बलिया, जौनपुर, गाजियाबाद, रायबरेली, मथुरा, अलीगढ़, कुशीनगर, आगरा, बाराबंकी, वाराणसी कमिश्नरेट, गौतमबुद्घनगर कमिश्नरेट, गोरखपुर, देवरिया, मिर्जापुर, चंदौली और कन्नौज में प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस मुख्यालय को शनिवार शाम सात बजे तक भेजी गई रिपोर्ट में बुलंदशहर, गाजियाबाद, रायबरेली, कुशीनगर, बाराबंकी और कन्नौज में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। जबकि गोरखपुर, देवरिया और फिरोजाबाद में एक-एक एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं हुई है।
सबसे अधिक सात एफआईआर जौनपुर में हुई है यहां 41 लोग गिरफ्तार हुए हैं। बलिया में 109 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन यह गिरफ्तारी शांति भंग की आशंका में हुई है। वाराणसी कमिश्नरेट, मथुरा और अलीगढ़ में चार-चार एफआईआर दर्ज की गई है। वाराणसी में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अलीगढ़ में 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मथुरा में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इसमें शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किए गए 27 लोग शामिल हैं। मिर्जापुर में 20, नोएडा में 15 और आगरा में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कुल 340 लोग गिरफ्तार
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि उपद्रव में शामिल लोगों की शिनाख्त की जा रही है। जो भी बाहरी तत्व या संगठन इसमें शामिल रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। अभी अग्निपथ योजना के विरोध में चल रहे बवाल में अब तक 340 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक 18 जिलों से प्रदर्शन व उपद्रव की खबर है। इसमें 12 जिलों में कुल 29 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन मुकदमों में 340 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 145 की गिरफ्तारी शांति भंग की आशंका में की गई है।
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