हमेशा से यूपी पुलिस के जवानों में छुट्टी को लेकर कई समस्याएं सामने आती हैं। खासकर कि सिपाहियों की ये शिकायत रहती है उन्हें न तो घर के पास तैनाती मिलती है और ना ही उन्हें समय पर छुट्टी पर मिलती है। यही वजह है कि वो तनाव का शिकार होजाते हैं। कई जगह सिपाही डिप्रेशन में आकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। अपनी समस्याओं के लिए अब सिपाहियों ने ट्विटर पर एकजुट होने का अभियान शुरू किया है, ताकि वो सब एक साथ अपनी दिक्कतों के बारे में प्रशासन शासन को बता सके। इस मुहीम को बरेली एडीजी ने बेहद गलत बताया है। उनका कहना है कि सबको छुट्टी दी जाती है।
चल रहा अभियान
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में पीलीभीत जिले में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार चौहान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले सिपाही ने फेसबुक वीडियो लाइव करके अफसरों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। जिसके बाद से सिपाहियों ने ट्विटर पर एकजुट होने का अभियान शुरू किया है।जिसके अंतर्गत ये कहा जा रहा है कि 30 मई तक सभी सिपाही ट्विटर पर अपना अकाउंट बनाकर आपस में लोगों को फॉलो करें। ताकि वो सब एक साथ आवाज बुलंद कर सकें।
बड़ी बात ये है कि इस मुहीम की शुरुआत फेसबुक पर बने पुलिस के ग्रुप्स में हो रही है। जिसको मानते हुए तीन दिन में तकरीबन सात सौ से ज्यादा पुलिस कर्मियों ने ट्विटर डाउनलोड किया है ताकि वो अपनी समस्याएं अफसरों तक पहुंचा सकें। पुलिस विभाग में सिपाहियों की सबसे बड़ी समस्या बॉर्डर स्कीम और छुट्टी की है। जिसको लेकर अक्सर सिपाही काफी परेशान हो जाते हैं।
बरेली एडीजी ने कहा ये
इसी अभियान के चलते एडीजी बरेली अविनाश चंद्र ने ये कहा है कि ये हरकत पुलिस नियमावली के विपरीत है। छुट्टी लेना गलत नहीं है लेकिन हर चीज का कुछ नियम होता है। सभी को हालत के मद्देनजर रखते हुए अवकाश दिया जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि यदि कोई ऐसा अभियान चल रहा है तो विभाग के खिलाफ एलडीएम उठाने वालों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही एडीजी ने सिपाही जितेंद्र की आत्महत्या के मामले में कहा कि वो कदम उन्होंने अपने निजी कारणों से उठाया था।
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