दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान का हीरो जैसा स्वागत, कपिल मिश्रा बोले- ये मानसिकता देश की दुश्मन बन चुकी है

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के एक आरोपी शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) को बीमार पिता से मिलने के लिए चार घंटे की पैरोल दी गई। आरोपी के घर पहुंचते ही उसका जोरदार स्वागत हुआ। इसका वीडियो में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में शाहरुख पठान को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके की सड़कों पर चलते हुए देखा जा सकता है, उनके साथ कुछ पुलिसकर्मी और भारी भीड़ उनके पक्ष में नारे लगा रही है। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (BJP Leader Kapil Mishra) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने दी तीखी प्रतिक्रिया

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार से कल एक खास बस्ती में शाहरुख पठान क हीरो जैसा स्वागत किया गया, जिसने दिल्ली पुलिस के ऊपर बंदूक उठाई, उसे हीरो बनाया जा रहा है। ऐसे ही जहांगीरपुरी में अंसार वो हीरो की तरह। तो इस प्रकार के जो इलाके हैं, जैसे कश्मीर में आतंकवादियों को हीरो बनाते थे। ऐसे ही अब दिल्ली की बस्तियां और इलाके जहां पर अपराधियों को, पुलिस पर बंदूक उठाने वालों को, इस प्रकार के कट्टर लोगों को हीरो बनाने की कोशिश की जा रही है।

कपिल मिश्रा ने कहा कि मैं ये बात बार-बार कह रहा हूं कि दिल्ली में कई जगह मिनी पाकिस्तान ऐसे बनाए जा रहे हैं। जहां पर भारत का कानून, भारत का संविधान का माखौल उड़ाया जा रहा है। जहां पर अपराधियों को, आतंकवादियों को नायक बनाने की कोशिश की जा रही है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं इन लोगों से कि यही वो मानसिकता है, जिसके कारण दिल्ली में दंगे हुए थे। और इस मानसिकता को दिल्ली में पनपने नहीं देंगे। हम दिल्ली के लोग ऐसे अपराधियों को हीरो बनाने वाले लोगों से डरते नहीं है और इस मानसिकता को दिल्ली में कुचल दिया जाएगा।

बीमार मां-बाप से मिलने की कोर्ट ने दी थी अनुमति

बता दें कि पैरोल देते समय कोर्ट ने कहा था कि वह राहत देने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपना रहा है, पठान को केवल अपने बीमार माता-पिता से मिलने की अनुमति है और किसी अन्य व्यक्ति से नहीं। सूत्रों के मुताबिक, वीडियो 23 मई का है। आरोपी दंगाइयों, शाहरुख पठान, 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की एक कुख्यात घटना में शामिल था, जिसमें उसे जाफराबाद इलाके में एक पुलिसकर्मी की ओर एक भरी हुई पिस्तौल लहराते हुए पाया गया था।

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उक्त मामले में, अदालत ने शाहरुख पठान के खिलाफ आरोप तय किए थे, यह देखते हुए कि आरोपी ने अपनी पिस्तौल से दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल (एचसी) दीपक दहिया को निशाना बनाया था। पुलिस के अनुसार, उसकी अवैध बन्दूक, एक 7.65 मिमी की पिस्तौल और दो जिंदा गोलियां बरामद की गईं थी।

न्यायाधीश ने पठान पर आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने की सजा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 186 (कर्तव्य के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत आरोप तय किये थे।

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आईपीसी की धारा 353 (हमला), 307 (हत्या का प्रयास) के साथ धारा 149 (एक सामान्य अपराध के गैर-कानूनी सभा के सदस्य) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप भी तय किए गए थे। पठान पिछले साल 3 मार्च को गिरफ्तार होने के बाद से फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। दंगों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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