बीती शाम एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता। जगदीप धनखड़ को 582 और मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले। जिसके बाद हर कोई जगदीप धनखड़ को बधाई दे रहा है। इसी क्रम में अब बसपा सुप्रीमो समेत सीएम योगी और कांग्रेस नेताओं ने भी नवनियुक्त उपराष्ट्रपति को बधाई दी है।
मायावती ने किया ट्वीट
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, देश के उपराष्ट्रपति पद पर जगदीप धनखड़ की शानदार जीत के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बीएसपी ने व्यापक जनहित और अपनी मूवमेन्ट को ध्यान में रखकर उन्हें अपना समर्थन दिया था। उम्मीद है कि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाने का भरसक प्रयास जरूर करेंगे।
मोदी-सोनिया और अल्वा ने दी बधाई
इससे पहले, पीएम ने जीत के बाद जगदीप धनखड़ से मिलकर उन्हें बधाई दी। पीएम के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी धनखड़ को बधाई दी। वहीं, परिणाम आने के बाद विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा ने धनखड़ को जीत की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, धनखड़ को बधाई। मैं विपक्ष के सभी नेताओं और सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने इस चुनाव में मुझे वोट दिया।
सीएम योगी ने दी बधाई
धनखड़ की जीत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी है। योगी ने ट्वीट किया कि किसान परिवार से उप राष्ट्रपति तक की आपकी यात्रा लोकतंत्र के प्रति जन-जन के विश्वास को मजबूत करती है। आपके विराट अनुभव का लाभ पूरे देश को मिलेगा व राज्य सभा की गरिमा और प्रगाढ़ होगी।’
कौन हैं जगदीप धनखड़
18 मई 1951 को राजस्थान के छोटे से जिले झुनझुनू के कैथाना गांव में जन्मे जगदीप धनखड़ के देश के दूसरे सबसे सर्वोच्च पद तक पहुंचने तक का सफर काफी दिलचस्प है। उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है। जगदीप अपने चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर आते हैं। उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। फिर सैनिक स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने राजस्थान के प्रतिष्ठित महाराज कॉलेज, जयपुर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर फिजिक्स में BSE की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने साल 1978 में जयपुर यूनिवर्सिटी में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया।
देश के प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार रहे धनखड़
जगदीप धनखड़ ने कानून की डिग्री लेने के लेने बाद वकालत शुरू कर दी और साल 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का ओहदा दिया गया। धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश की कई हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की है। साल 1988 तक वह देश के प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार हो गए थे। राज्यपाल पद संभालने से पहले तक वह राजस्थान हाई कोर्ट के सीनियर मोस्ट काउंसिल थे।
कैसा रहा सियासी सफर
नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो जनता दल के जमाने से राजनीति में हैं। वह साल 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे। वह 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं। 2003 में वह बीजेपी में शामिल हो गए। 30 जुलाई 2019 को उन्होंने बंगाल के 28वें राज्यपाल का पद संभाला था।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ का रुख ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ रहा। विधानसभा में भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी साफ नजर आती रही। ममता बनर्जी भी उन पर संवैधानिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही हैं। जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी सरकार के आलोचकों में से एक हैं। वह राज्य की राजनीतिक अस्थिरता के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को दोष देते रहे हैं। वह राज्य में भड़की हिंसा के लिए भी टीएमसी को ही जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
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