भारत विरोधी गतिविधियों की वजह से केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इसे लेकर सियासी घमासान जारी है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमला बोला है। मायावती (Mayawati) ने पीएफआई पर बैन (Ban on PFI) लगाने को सरकार का राजनीतिक स्वार्थ बताया है। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले सरकार का ये कदम बेचैनी पैदा करता है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।
2. यही कारण है कि विपक्षी पार्टियाँ सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की माँग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2022
बसपा चीफ ने कहा कि यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
बता दें कि पूरे देश में पीएफआइ के ठिकानों पर छापेमारी के बाद सरकार ने इस संगठन पर पाच वर्षों का प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद जहां सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और यूपी हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने सरकार के इस फैसले की सराहना की थी।
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