डीडीयू कुलपति प्रो. पूनम टंडन को ‘कर्नल कमांडेंट’ की मानद उपाधि से किया जाएगा सम्मानित

मुकेश कुमार, ब्यूरो चीफ़ पूर्वांचल। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत गौरव का क्षण है कि विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा ‘कर्नल कमांडेंट’ की मानद उपाधि एवं रैंक से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान देशभर से चयनित 13 विशिष्ट कुलपतियों को प्रदान किया जा रहा है।
यह उपाधि प्रो. टंडन को विश्वविद्यालय में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) के माध्यम से युवा नेतृत्व, अनुशासन और राष्ट्रसेवा को प्रोत्साहित करने में उनके उल्लेखनीय योगदान की मान्यता स्वरूप प्रदान की जा रही है।

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यह गरिमामय रैंक सेरेमनी 21 मई 2025 (बुधवार) को प्रातः 11:00 बजे, महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ सभागार, विश्वविद्यालय परिसर, गोरखपुर में आयोजित की जाएगी। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय (NAAC द्वारा A++ मान्यता प्राप्त) एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगा। समारोह में रक्षा एवं शिक्षा जगत के अनेक विशिष्ट अतिथि सम्मिलित होंगे।

इस उपलब्धि पर प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि
यह मेरे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व की बात है कि मुझे रक्षा मंत्रालय द्वारा ‘कर्नल कमांडेंट’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया जा रहा है। यह सम्मान न केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि विश्वविद्यालय परिवार और हमारे समर्पित एनसीसी कैडेट्स की प्रेरणा, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की सामूहिक पहचान है। यह उपाधि शिक्षा और राष्ट्रसेवा के बीच एक सशक्त समन्वय का प्रतीक है।

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प्रो. पूनम टंडन एक प्रख्यात भौतिक विज्ञानी एवं शिक्षाविद् हैं, जिनका शैक्षणिक व प्रशासनिक अनुभव तीन दशकों से अधिक का है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एमएससी में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और 1992 में पीएचडी पूरी की।

प्रो. टंडन ने लखनऊ विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, एकेडमिक डीन, कंप्यूटर सेंटर प्रभारी जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनके शोध कार्य मुख्यतः स्पेक्ट्रोस्कोपी, नैनोमैटेरियल्स, क्वांटम केमिस्ट्री और बायोपॉलिमर्स जैसे क्षेत्रों में केंद्रित हैं। उन्होंने 250+ शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, 32 पुस्तकें लिखी हैं और 40 से अधिक पीएचडी शोधार्थियों को मार्गदर्शन दिया है।

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उन्हें हम्बोल्ट (जर्मनी), फुलब्राइट (अमेरिका), जेएसपीएस (जापान), सीएनआरएस (फ्रांस) जैसी अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप्स प्राप्त हो चुकी हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकश्री सम्मान तथा यूजीसी रिसर्च और मिड-कैरियर अवॉर्ड से भी सम्मानित की जा चुकी हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सेंटर फॉर रैंकिंग, एक्रेडिटेशन एंड मेंटरिंग (UPCRAM) की प्रथम महानिदेशक भी रह चुकी हैं।

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