होमगार्ड वेतन घोटाला: स्कैम की आधी रकम लेता था डिविजनल कमांडेंट, सहायक जिला कमांडेंट के साथ कमांडरों में भी बंटता था हिस्सा

कुछ समय पहले नोएडा (Noida) में होमगार्डों की ड्यूटी में घोटाला सामने आया था. घोटाला सामने आने पर डीजीपी ओपी सिंह के आदेश पर जाँच बैठाई गयी थी. जिसके अंतर्गत अब पुलिस की क्राइम ब्रांच ने होमगार्ड विभाग के पांच अधिकारियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. एसएसपी ने ये साफ़ कर दिया हैं कि उन्हें ये पता लगा है कि होमगार्ड विभाग के ही अफसरों ने इस घोटाले में बड़ी भूमिका निभाई है.


डिविजनल कमांडेंट था मास्टरमाइंड

नोएडा (Noida) एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जांच के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सहायक जिला कमांडेंट सतीश चंद, प्लाटून कमांडर मोंटू कुमार, शैलेंद्र कुमार और सत्यवीर यादव को भी गिरफ्तार किया है. जांच में ये बात भी सामने आई है कि घोटाले की आधी रकम डिविजनल कमांडेंट डकारता था। बाकी बचे हिस्से को निचले स्टाफ में बांटा जाता था. वहीं अलीगढ़ से होमगार्ड के डिविजनल कमांडेंट रामनारायण चौरसिया को सिंडिकेट का मास्टरमाइंड बताया गया है.


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क्राइम ब्रांच की पूछताछ में ये बात भी सामने आई है कि डिविजनल कमांडेंट रामनारायण चौरसिया के आदेश पर फर्जी मस्टररोल तैयार होता था. जिसे भेजकर शासन से वह होमगार्डों की सैलरी मंगाता था. इसके बदले में कुल घोटाले का 50 पर्सेंट उसकी जेब में जाता था. बाकी हिस्सा सहायक जिला कमांडेंट सतीश चंद और शेष बचा 25 पर्सेंट हिस्सा फर्जी मुहर और कागजात तैयार करने वाले प्लाटून कमांडरों में बंटता था.


नोएडा (Noida) एसएसपी ने बताया कि एसपी सिटी विनीत जायसवाल के नेतृत्व में विशेष जांच टीम बनाई गई है. यह टीम इस घोटाले से जुड़े सभी कागजातों की जांच कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. इस टीम की मदद के लिए एसपी देहात और एसपी क्राइम की टीमें भी अपने-अपने तरीके से काम करेंगी.


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घोटाले का खुलासा होने पर डीजीपी ने बैठाई जाँच

गौरतलब है कि इस घोटाले का मामला संज्ञान में आने के बाद जब डीजीपी के आदेश पर एसएसपी ने प्रारम्भिक जाँच बैठाई तब ये खुलासा हुआ कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के जरिये इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. जिसके बाद उन्होंने एसएसओ, लखनऊ मुख्यालय सुनील कुमार, मिर्जापुर के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह, बागपत की मंडल कमांडेंट नीता भारती और मेरठ के मंडल कमांडेंट डीडी मौर्या को शामिल करके एक समिति बनाई और जांच शुरू कर दी.


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