नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित करंसी का 99.3 फीसदी हिस्सा बैंकों में वापस आने को लेकर रिजर्व बैंक की रिपोर्ट पर हो रही आलोचनाओं का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है. उन्होंने नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए इसके फायदे गिनाए हैं. उधर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी दो साल पुराने फैसले का बचाव किया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम से बाहर मौजूद करंसी को अमान्य करना ही नोटबंदी का एकमात्र लक्ष्य नहीं था. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का एक बड़ा उद्देश्य भारत को ‘गैर कर अनुपालन’ समाज से कर अनुपालन में बदलना था. इसका लक्ष्य अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाना और कालेधन पर प्रहार भी था.
चल रही है जांच
जेटली ने लिखा, जब कैश बैंक में जमा किया जाता है तो इसके स्वामित्व की गुमनामी खत्म हो जाती है. जमा कैश के मालिकों की पहचान हो गई है. इनकी जांच चल रही है कि जमा की गई रकम उनकी आमदनी के मुताबिक है या नहीं. 18 लाख जमाकर्ताओं की जांच चल रही है. इनमें से बहुतों से टैक्स और पेनल्टी वसूल की जा रही है. बैंकों में जमा कैश का मतलब यह नहीं है कि सारा पैसा सफेद ही है.
टैक्स कलेक्शन में वृद्धि
जेटली ने टैक्स कलेक्शन में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा, मार्च 2014 में 3.8 करोड़ टैक्स रिटर्न फाइल हुए. 2017-18 में यह आंकड़ा बढ़कर 6.86 करोड़ हो गया. पिछले दो सालों में इनकम टैक्स में 19 और 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह अदभुत वृद्धि है.
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