बीएचयू बवाल : 28 सिंतबर तक बंद यूनिवर्सिटी, 24 घंटे में हॉस्टल खाली करने का अल्टीमेटम

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बीती रात हुए उपद्रव के बाद से कैंपस में जगह जगह पर फोर्स तैनात की गई है। सोमवार रात नौ बजे सर्जरी वार्ड में जूनियर रेजिडेंट व महिला मरीज के बीच नोक-झोंक से शुरू बवाल देर रात में हिंसक हुआ तो थाने तक मारपीट होती रही। इसके बाद बवाल फिर बीएचयू परिसर में फैल गया। मंगलवार की सुबह विवि प्रशासन की ओर से एलबीएस, रुइया एनेक्सी और धन्वंतरि हॉस्टल खाली कराने के आदेश जारी कर दिए तो वहीं 28 सितंबर पर विवि में अवकाश घोषित कर दिया गया। छात्रों को हास्‍टल खाली करने के लिए 24 घंटे का अल्‍टीमेटम दिया गया है।

 

हॉस्टल खाली करने के आदेश से बवाल की आशंका

 

वहीं, हॉस्टल खाली करने के आदेश के बाद फिसे बवाल की आशंका है। इस फैसले के विरोध में छात्र मुखर हो रहे हैं। बिड़ला सहित तीनों हॉस्टल के छात्र सड़क पर उतर आए हैं। इधर बीच, जूनियर डॉक्टरों की अघोषित हड़ताल के चलते मेडिकल सेवाओं पर गहरा असर पड़ रहा हैं। सर सुंदर लाल अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंच रहे मरीजों को लौटा दिया जा रहा है तो वहीं ट्रामा सेंटर की ओपीडी अब तक नहीं खुली है। ओपीडी का निबंधन काउंटर भी बंद है। मरीज घंटों से ओपीडी का शटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

 

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ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी भी बंद थी मगर काफी समझाने बुझाने के बाद 10 बजे के बाद शुरू हो पई। सोमवार शाम जूनियर डॉक्टर और आर्ट्स फैकल्टी के छात्रों के बीच झगड़ा और बाद में पुलिस द्वारा जूनियर डॉक्टरों पर लाठीचार्ज से चिकित्सकीय सुविधाएं सुबह पूरी तरह से ठप हो गईं।

 

लोगों को अस्पताल से वापस लौटाया जा रहा

 

सूत्रों के मुताबिक, सर सुंदर लाल अस्पताल में सीनियर डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीज देखना शुरू किया जरूर पर हड़ताल का असर साफ नज़र आ रहा था। सत्र बताते हैं कि केवल खानापूर्ति होती रही। मरीजों की लंबी कतार लगी रही। लोगों को वापस लौटाया जा रहा है। इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को लेकर पहुंच रहे तीमारदारों को हड़ताल कर वापस लौटा दिया जा रहा है। जब उन्होंने ईलाज की गुहार लगाई तो उनके साथ डाक्टरों ने दुर्व्यवहार भी किया।

 

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दूसरे जिले, प्रांतों से आए लोग ओपीडी का चक्कर लगाते दिखे और व्यवस्था को कोसते नजर आ रहे हैं। इस बीच अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो वीएन मिश्र ने घटना पर अफसोस और दुख जाहिर करते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने संकट को देखते हुए कहा कि डॉक्टर क्राइसिस ग्रुप का गठन किया है। फिलहासल चिंता इस बात की ही कि मरीजों को परेशानी न हो।

 

बीएचयू प्रशासन बना मूक दर्शक

 

बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठी चार्ज की बरसी पर रविवार को छात्र और छात्राओं के बीच हुए झड़प का मामला शांत भी नहीं हुआ कि दूसरे दिन सोमवार को भी रणक्षेत्र बन गया। रात नौ बजे सर्जरी वार्ड में जूनियर डॉक्टर व महिला मरीज के बीच नोक-झोंक से शुरू बवाल देर रात में हिंसक हो गया। मामला थाने पहुंचा और वहां भी मारपीट हो गई।

 

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प्रभारी निरीक्षक के साथ गालीगलौज और धक्कामुक्की की गई। बवाल फिर बीएचयू परिसर में फैल गया। हॉस्टल पर हमला, तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटना से परिसर में दहशत का आलम रहा। पथराव और मारपीट में कई छात्र घायल भी हुए हैं। बीएचयू प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। आरोप यह भी है कि चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था।

 

डीएम और एसएसपी पहुंचे, बंधक छात्रों को कराया मुक्त

 

जूनियर डाक्टरों और युवकों में हुआ बवाल देर रात बढ़ गया। शिकायत थाने तक पहुंची तो बीएचयू के दो हॉस्टल आमने-सामने आ गए। बिड़ला और धन्वंतरी हॉस्टल के छात्र एक दूसरे पर पथराव करने लगे। पथराव के बाद चीफ प्राक्टर और प्रशासनिक अधिकारी के सामने ही दो बाईकों में आग लगा दी।

 

हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई और उपद्रवियों को वहां से तितर- बितर किया। पूरे परिसर में अराजकता का माहौल था। जब विश्वविद्यालय प्रशासन से मोर्चा नहीं संभाला गया तो पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। मंगलवार सुबह वाराणसी डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी भी मौके पर पहुंचे। यहां बिडला हॉस्टल के छात्रों की शिकायत पर धंवंतरी छात्रावास में बंधक बनाये गये दो छात्रों को मुक्त कराया ।

 

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